बच्चे की डाइट में शामिल करें आलूबुखारा जूस, एक नहीं सेहत को होंगे कई फायदे

punjabkesari.in Monday, Oct 24, 2022 - 01:49 PM (IST)

बच्चों की अच्छी सेहत के लिए स्वस्थ खान-पान बहुत ही जरुरी होता है। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों के खाने-पीने को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। खासकर 0-3 साल के बच्चों के यदि खाने-पीने का ध्यान न रखा जाए तो पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। बच्चे का पाचन तंत्र काफी कमजोर होता है। जिसके कारण उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप बच्चों को इन समस्याओं से बचाना चाहते हैं तो उनकी डाइट में आलूबुखारा का जूस शामिल कर सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इस जूस से बच्चे को क्या-क्या फायदे होंगे...

आलूबुखारा में पाए जाने वाले विटामिन

आलूबुखारा में विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-बी6 पाए जाते हैं। इसके अलावा यह फाइबर का भी काफी अच्छा सोर्स माना जाता है। इसका सेवन करने से बच्चे को पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 

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जूस पीने के फायदे 

कब्ज से मिलता है आराम 

आलूबुखारा का जूस पीने से बच्चे को कब्ज की समस्या, पेट दर्द से भी राहत मिलती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसमें नैचुरल लैक्सेटिव पाया जाता है जो पाचन क्रिया के लिए बहुत ही मजबूत होता है। यदि आप बच्चों को कब्ज की समस्या से राहत दिलवाना चाहते हैं तो इसे बच्चों की डाइट में शामिल कर सकते हैं।

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हड्डियां होती हैं मजबूत 

आलूबुखाराम में फाइबर की काफी अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह बच्चे के शरीर में से टॉक्सिन्स पदार्थों को दूर करती हैं। इसका सेवन करने से हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है। 

खून की कमी करे पूरी 

बच्चों में खून की कमी की समस्या भी बहुत ज्यादा पाई जाती है। ऐसे में यह जूस बच्चे के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आलूबुखारा का जूस आप बच्चों को पिला सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला आयरन एनीमिया की समस्या से राहत दिलवाता है। 

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कोलेस्ट्रॉल करें नियंत्रित 

आलूबुखारा कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने मेंं भी मदद करता है। इसमें क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल का कम करने में सहायता करता है। 

क्या आप बच्चों को रोज दे सकते हैं ये आलूबुखारा का जूस ?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, आप शुरुआत में बच्चों को 100 मिलीलीटर से ज्यादा आलूबुखारा का जूस न पिलाएं। यदि बच्चे को आलूबुखारा से कोई एलर्जी नहीं होती है तो आप उसे इसका सेवन रोज करवा सकते हैं। लेकिन 150-170 मिली लीटर से ज्यादा जूस आप बच्चे को पीने के लिए न दें। 

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palak

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