जब पितरों की तिथि ना याद हो तो इस दिन कर लें श्राद्ध, मिलेगा पूर्वजों का आर्शीवाद
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 06:13 PM (IST)

नारी डेस्क: जो लोग पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नहीं कर पाते हैं, वे पितृ पक्ष के अंतिम दिन श्राद्ध कर सकते हैं। पितृ पक्ष के अंतिम दिन को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है, और यह उन लोगों के लिए बहुत खास होता है जो पूरे पितृ पक्ष में श्राद्ध या तर्पण नहीं कर पाए। इस दिन कुछ आसान उपाय करके भी आप अपने पितरों को तृप्त कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद पा सकते हैं।

कब है सर्वपितृ अमावस्या
पंचांग के अनुसार पितरों की पूजा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 12:16 प्रारंभ होकर 22 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 01:23 बजे समाप्त होगी। पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोजन तथा दान आदि से पितृजन तृप्त होते हैं और जाते समय अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को आशीर्वाद देकर जाते हैं। सर्वपितृ अमावस्या पर दुर्लभ शुभ और शुक्ल योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।
पितृ पक्ष के अंतिम दिन के उपाय
घर पर ही गंगाजल, काले तिल, अक्षत (चावल) और कुश लेकर जल में तर्पण कर सकते हैं। सूर्य की ओर मुख करके पितरों का नाम लेकर जल अर्पित करें। अगर पितरों के नाम याद नहीं हैं तो "सर्वपितृभ्यो नमः" बोलकर भी तर्पण कर सकते हैं। अगर संभव हो तो गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी/तालाब के किनारे पिंडदान करें। आटे, चावल और तिल के पिंड बनाकर जल में प्रवाहित करें।

ब्राह्मण भोजन और दान
ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं। दान में अन्न, कपड़े, तिल, फल, गुड़, दक्षिणा दें। इस दिन गाय को हरा चारा, कुत्ते को रोटी, पक्षियों को अनाज डालना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। माना जाता है कि यह सीधे पितरों तक पहुंचता है। शाम को दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाएं। यह पितरों की आत्मा के लिए मार्गदर्शन का प्रतीक है और उन्हें शांति प्रदान करता है।