मुस्लिम लॉ बोर्ड की बड़ी नसीहत, शादी में दहेज की बजाए लड़कियों को दें प्रॉपर्टी में हिस्सा
punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 07:12 PM (IST)
भारतीय समाज में हर तरह की शादी में दहेज देने की प्रथा है लेकिन इस्लाम में दहेज लेने और देने दोनों पर मनाही है, इतना ही नहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी कई बार दहेज को गैर-इस्लामिक करार दे चुका है, इसके बाजवूद शादियों में अभी भी दहेज लिया और दिया जाता है। ऐसे में पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों से एक अनोखी अपील की है।
शादियों में दहेज देने के बजाए लड़कियों को प्रॉपर्टी में उनका हक दें
दरअसल, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस्लाहे मुआशरा कमेटी की मंगलवार कोअहम बैठक हुई जिसमें की मुद्दों पर बातचीत की गई। बैठक के दौरान बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी ने कहा कि मुझे बहुत अफसोस होता है कि मुसलमानों ने इस्लाम धर्म को केवल नमाज तक ही सीमित कर दिया है उन्होंने कहा कि शादियों में दहेज देने के बजाए लड़कियों को प्रॉपर्टी में उनका असल हक दिए जाने की जरूरत है।
इस्लाम धर्म जीवन के सभी क्षेत्रों में हमारा मार्गदर्शन करता है
बैठक के दौरान नदवी ने कहा कि इस्लाम धर्म जीवन के सभी क्षेत्रों में हमारा मार्गदर्शन करता है, इसलिए मुसलमानों को हर क्षेत्र में हलाल और हराम का ध्यान रखना चाहिए।
इस्लाम में बिना किसी दहेज के निकाह हो
उन्होंने कहा कि शादी में दहेज के बजाए जायदाद में लड़की को उसका हक दिया जाना चाहिए। शादी के दौरान इस्लामी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए ताकि कोई मुस्लिम लड़की अपने घर में अविवाहित न बैठ, इसके लिए सबसे जरूरी है कि बिना किसी दहेज के निकाह हो।
मौलाना खालिद सैफल्ला रहमानी ने कहा कि हम चाहते हैं कि आसान निकाह अभियान से ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम लड़कों को जुड़ना चाहिए, जिससे शादियों को दहेज से मुक्त कर देना चाहिए।
दहेज को पूरी तरह से खत्म करना है तो महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी
जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि अगर समाज से दहेज को पूरी तरह से खत्म करना है तो महिलाओं का भी शिक्षित होना बेहद जरूरी है। महिलाओं को शिक्षित किए बिना समाज में इतना बड़ा बदलाव लाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं को शिक्षित किया जाए।