नज़रअंदाज न करें पैरों में हो रही लगातार खुजली, ये खतरनाक बीमारी का संकेत भी हो सकता है!

punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 01:38 PM (IST)

नारी डेस्क : सर्दियों में त्वचा की खुजली आम बात है, लेकिन अगर पैरों में खुजली लगातार बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। अक्सर लोग इसे सूखी त्वचा, मामूली जलन या एलर्जी समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन अगर खुजली लंबे समय तक बनी रहे, रैश न हों, और त्वचा पर कोई स्पष्ट कारण न दिखे, तो यह लिवर से जुड़ी बीमारी का शुरुआती लक्षण हो सकता है।

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डॉक्टरों के मुताबिक, हथेलियों और तलवों पर होने वाली लगातार खुजली लिवर की क्षमता कम होने पर शरीर में बाइल एसिड जमा होने का परिणाम हो सकती है। यह त्वचा की नसों को उत्तेजित करता है और तेज खुजली का कारण बनता है। अगर खुजली रात में बढ़ती है, मॉइस्चराइज़र से शांत नहीं होती, या थकान और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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पैरों में खुजली क्यों होती है?

जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर में टॉक्सिन्स (Toxins) और बाइल एसिड (Bile acid) बढ़ने लगते हैं। ये पदार्थ त्वचा की नसों को प्रभावित करते हैं, जिससे खासतौर पर हथेलियों और पैरों के तलवों में तेज और लगातार खुजली होती है। इस स्थिति को कोलेस्टैटिक प्र्यूरिटस (Cholestatic Pruritus) कहा जाता है, और यह कई बार बिना रैश के भी दिखाई देती है। ऐसी खुजली निम्न बीमारियों में आमतौर पर देखने को मिलती है। प्राइमरी बिलियरी कोलैंजाइटिस (Primary Biliary Cholangitis), प्राइमरी स्क्लेरोजिंग कोलैंजाइटिस (Primary sclerosing cholangitis) और गर्भावस्था के दौरान होने वाला इंट्राहेपैटिक कोलेस्टेसिस (Intrahepatic cholestasis)।

लिवर की बीमारी में खुजली क्यों होती है? (छुपी हुई वजहें)

बाइल सॉल्ट (Bile Salts) का जमा होना: जब लिवर कमजोर होता है, तो बाइल सॉल्ट सही तरीके से फिल्टर नहीं हो पाते और त्वचा के नीचे जमा होने लगते हैं। इससे नसों पर असर पड़ता है और तेज खुजली शुरू हो सकती है।

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हिस्टामीन (Histamine) का बढ़ना: लिवर से जुड़ी खुजली वाले कई मरीजों में हिस्टामीन का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है, लेकिन अक्सर एंटीहिस्टामीन दवाएं इससे राहत नहीं दे पातीं।

सेरोटोनिन (Serotonin) की भूमिका: सेरोटोनिन दिमाग में खुजली का अहसास बढ़ा सकता है और नसों के रिसेप्टर्स पर असर डालकर खुजली की अनुभूति को तेज कर देता है।

गर्भावस्था या हार्मोन थेरेपी: गर्भावस्था या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के दौरान हार्मोनल बदलाव लिवर के बाइल फ्लो में परिवर्तन करके खुजली बढ़ा सकते हैं।

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लिवर से जुड़ी खुजली कैसे पहचानें?

खुजली छह हफ्ते या उससे अधिक समय तक बनी रहे (क्रॉनिक प्र्यूरिटस)
बिना रैश के हो खुजली।
रात में ज्यादा बढ़ती हो खुजली।
हाथों और पैरों से शुरू हो सकती खुजली।

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खुजली कम करने के तरीके

त्वचा को ज्यादा न खुजलाएं, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
रात में खुजली से बचने के लिए हल्के दस्ताने पहनें।
गुनगुने या ठंडे पानी से स्नान करें; गर्म पानी से बचें।
सर्दियों में कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।


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Content Editor

Monika

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