खुद से बात करने  वाले लोग पागल नहीं होते हैं इंटेलिजेंट, आप भी Self Talk कर बनें खुद के दोस्त

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2024 - 12:57 PM (IST)

नारी डेस्क:  "आज उठने का मन नहीं है",  "यार मैं क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा" ... इस तरह की बातें आप रोजाना अपने आप से करते ही होंगे। पर आपको ये मालूम है कि  खुद से बात करना (Self-Talk) आपके लिए कितना फायदेमंद है। यह एक एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आप अपने विचारों, भावनाओं, और योजनाओं पर खुद से संवाद करते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। खुद से बातें करना न केवल आत्म-जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि तनाव कम करने और बेहतर निर्णय लेने में भी मदद करता है।  चलिए जानते हैं इसके और भी फायदे

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खुद से बात करने के फायदे

आत्म-जागरूकता बढ़ती है: अपने विचारों और भावनाओं को समझने का मौका मिलता है।   यह जानने में मदद मिलती है कि आप क्या चाहते हैं और क्या नहीं।  

 तनाव और चिंता कम होती है:- खुद से बात करने से दिमाग शांत होता है।   यह भावनाओं को व्यक्त करने और नकारात्मक विचारों को दूर करने का जरिया बनता है।  

आत्मविश्वास बढ़ता है: - खुद को सकारात्मक बातें कहने से आत्मविश्वास बढ़ता है।  कठिन परिस्थितियों में भी खुद को संभालने की क्षमता बढ़ती है।  

समस्याओं का समाधान मिलता है:  खुद से चर्चा करने से आप अपने मुद्दों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।  नए और रचनात्मक समाधान खोजने में मदद मिलती है।  

निर्णय लेने में मदद करता है:  खुद से सवाल पूछने और जवाब देने से आप सही निर्णय ले सकते हैं।  

भावनाओं को संतुलित करता है: अपने गुस्से, दुख, और डर को समझने और प्रबंधित करने में मदद करता है।  

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: यह तनाव, डिप्रेशन, और नकारात्मकता को कम करने में मददगार है।  

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खुद से बात करने के तरीके 

एकांत में समय बिताएं:- ऐसी जगह चुनें जहां आप अकेले और शांत महसूस कर सकें। ध्यान, योग, या मेडिटेशन के दौरान खुद से बातें करना सबसे अच्छा तरीका है।  

खुद से सवाल पूछें: जैसे-  मैं इस समय कैसा महसूस कर रहा/रही हूं?  आज का दिन कैसा रहा?  इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है?  

आईने के सामने बात करें: आईने के सामने खड़े होकर खुद से बात करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।  यह आपको अपनी भावनाओं और विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में मदद करता है।  

अपने विचार लिखें: जर्नल या डायरी में अपने विचारों और भावनाओं को लिखें। लिखने से आपका दिमाग व्यवस्थित होता है।  

ध्यान (Meditation) करें: ध्यान करने के दौरान अपने अंदर की आवाज को सुनें।  खुद को बेहतर तरीके से समझने का यह एक शक्तिशाली तरीका है।  

कल्पना करें (Visualization): - अपनी भविष्य की योजनाओं और लक्ष्यों की कल्पना करें।  इससे आप अपने उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं।  

नकारात्मकता को चुनौती दें: - अगर कोई नकारात्मक विचार आता है, तो खुद से पूछें, "क्या यह सही है?"  खुद को प्रेरित करें और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।  

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खुद से बात करते समय ध्यान देने योग्य बातें


   - हमेशा सकारात्मक भाषा का उपयोग करें।  

   - खुद को नीचा दिखाने वाली बातें न कहें।  

   - इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।  

   - खुद को प्रोत्साहित करने वाले शब्द कहें।  

खुद से बातें करना आत्म-विकास और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। यह प्रक्रिया आपको आत्म-जागरूक बनाती है, आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है, और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करती है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अपने जीवन में बदलाव महसूस करें।  


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Content Writer

vasudha

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