फेमस गीत ''चिट्ठी आई है'' को गाना नहीं चाहते थे पंकज उदास, महेश भट्ट ने सुनाया वो किस्सा
punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2024 - 07:13 PM (IST)
जिस फिल्मी गीत 'चिट्ठी आई है' ने रातोंरात गजल गायक पंकज उदास को हिंदी फिल्म उद्योग में कीर्ति के शिखर पर पहुंचा दिया, दरअसल वह शुरू में इस गाने को गाने के लिए तैयार ही नहीं थे और इसके लिए उन्हें राजी करने में बहुत मशक्कत करनी पड़ी थी। यह खुलासा मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट ने किया। यह गाना महेश भट्ट की ही फिल्म ‘नाम' का है। 'चिट्ठी आई है' गीत से उधास को प्रसिद्धि मिली और 1986 की फिल्म 'नाम' के इस गीत के जरिये उनकी विशेष पहचान बनी। उधास का 72 साल की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया।
भट्ट ने कहा कि पंकज उदास का नाम पटकथा लेखक सलीम खान ने सुझाया था। फिल्मकार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे गीत के लिए गजल गायक को मनाने में सफल हुए और आखिरकार यह गीत फिल्म की जान बन गया। फिल्म में उदास खुद एक समारोह में 'चिट्ठी आई है' गीत गाते हुए दिखाई देते हैं। यह गीत आनंद बक्शी ने लिखा था और संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने तैयार किया था। भट्ट ने कहा, '' उदास एक गायक थे और उन्होंने सामने बैठे दर्शकों के लिए गाना गाया था। इसको लेकर वह शुरू में अनिच्छुक थे।
महेश भट्ट ने बताया कि उदासइस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या वह इसे ठीक से कर पाएंगे। हम उनकी जगह किसी और को नहीं दिखाना चाहते थे। मैंने उनसे बस इतना कहा (सोचिए) कि आप सिंगापुर या लंदन में अपना कोई शो कर रहे हैं और मंच पर गाना गा रहे हैं। यही एकमात्र तरीका था, जिससे हम गाना शूट कर पायेंगे।'' उन्होंने कहा, ''मुझे याद है कि मैं और सरोज खान (फिल्म में कोरियोग्राफर)- हम लंबे समय तक शूटिंग किया करते थे क्योंकि वह उन कलाकारों में शामिल नहीं थे जो टुकड़ों में शूटिंग करने के आदी हैं, बल्कि उन्हें जब लंबे समय के लिए प्रदर्शन करने का मौका मिलता था तब वह अपनी रौ में आ पाते थे।''
निर्देशक ने कहा, ‘‘फिल्म 'नाम' के बारे में सोचिये और फिर 'चिट्ठी आई है' का ख्याल दिल में लाइए। आप धड़कन को दिल से अलग नहीं कर सकते।'' भट्ट ने कहा, ''मैं संजय दत्त से बातचीत कर रहा था और हम दोनों गीत की शूटिंग के उन दिनों को याद कर रहे थे, खासकर उनकी (उदास) मौजूदगी के बारे में। वह (उदास) हवाई अड्डे से सीधा सेट पर आए और बिना रुके शूटिंग कर अपने शो के लिए निकल गये। महेश कहते हैं कि उदास जैसे व्यक्ति के साथ संपर्क होना मेरे लिए खुशकिस्मती है। उनकी सादगी दिल को छू लेने वाली थी और उनकी आवाज में भी उनकी वही सादगी झलकती थी।