ये 8 चीजें हैं जबरदस्त PainKiller, दर्द हो तो गोली नहीं इसे खाओ
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 08:09 PM (IST)

नारी डेस्कः पेनकिलर दवाइयां ये नाम इतना आम हो गया है कि शायद ये दवाइयां आपको लगभग हर घर में आसानी से मिल जाएंगी। जरा सा सिरदर्द-कमर दर्द हुआ तो तुरंत आराम के लिए पेनकिलर खा ली जाती है लेकिन ये पेनकिलर आपके शरीर के अंदरूनी अंगों पर कितना असर डाल रहे हैं शायद आप उनसे अनजान है।
पेनकिलर के आदी हुए लोग इसके साइट इफेक्ट्स को अनदेखा कर रहे हैं जो लिवर, दिल और किडनी पर असर डालते हैं जबकि सिर दर्द, जोड़ों का दर्द, मासिक धर्म दर्द आदि से राहत के लिए हर बार पेनकिलर लेना जरूरी नहीं होता। कुछ प्राकृतिक सुपरफूड्स ऐसे हैं जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक (pain-relieving) गुण पाए जाते हैं जो शरीर में दर्द को प्राकृतिक रूप से कम कर सकते हैं वो भी बिना किसी नुकसान के जबकि पेनकिलर खाने के नुकसान ही नुकसान हैं। जब दर्द हो तो पेनकिलर की जगह कुछ फल भी खाए जा सकते हैं जो प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में काम करते हैं। पपीता, ब्लूबेरी, और अदरक जैसे फल दर्द कम करने में मदद कर सकते हैं।
पेन किलर के नुकसान
एलोपैथिक दवाइयां हार्ट ब्लॉकेज, हार्ट अटैक, लिवर और किडनी फेल होने की वजह भी बन सकती हैं। हालांकि, पहले लोग आयुर्वेदिक दवाइयों और घरेलू नुस्खों को इस्तेमाल करते थे। भले ही ये असर धीरे-धीरे करती हैं लेकिन इन प्राकृतिक नुस्खों का किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
किचन में ही मिलेंगे ये 8 पेनकिलर सुपरफूड्स
जिन चीजों का इस्तेमाल आप रोजाना खाने बनाने में करते हैं, वही चीजें सुपरफूड्स का काम देती हैं। चलिए इन सुपरफूड्स के फायदों के बारे में जानते हैं।
1. हल्दी (Turmeric)
हल्दी में पाए जाने वाले एंटी-सेप्टिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण, नैचुरल पेन किलर का काम करते हैं। अंदरूनी और बाहरी चोट ठीक करने में यह बहुत असरदार है। अंदरूनी चोट को ठीक करने के लिए दूध में हल्दी डालकर कुछ दिन लगातार पिएं। बाहरी चोट है तो इसके लिए हल्दी को प्याज के रस में मिलाकर चोट पर लगाएं। इससे सूजन और दर्द से राहत मिलेगी। हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन (Curcumin) एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है जो सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत देता है। इसे दूध में मिलाकर पीने से गठिया, सिर दर्द, मांसपेशियों के खिंचाव और चोट के दर्द में फायदा होता है।
2. अदरक (Ginger)
अदरक में जिंजरोल (Gingerol) नामक तत्व होता है जो प्राकृतिक पेनकिलर की तरह काम करता है। पेट दर्द, अपच या फिर पाचन संबंधी परेशानी है तो नींबू के रस में अदरक के रस की कुछ बूंदे मिलाकर पिएं। इससे जल्द आराम मिलेगा। सूजन वाली जगह पर अदरक के तेल से मसाज से भी फायदा मिलता है। अदरक वाली चाय सर्दी-जुकाम में बेस्ट मानी जाती है, इसके लिए आपको दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह मासिक धर्म के दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और माइग्रेन में उपयोगी है। आप इसे चाय में या कच्चा अदरक शहद के साथ ले सकते हैं।

3. लहसुन (Garlic)
लहसुन में भी कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं। आपकी नसों की सफाई करने में लहसुन सबसे कारगर है। जिन्हें गठिया है उनके लिए तो यह बहुत बढ़िया है। दांत दर्द और सिरदर्द जैसी स्थितियों में बहुत फायदेमंद है। बस खाली पेट 1-2 कच्ची लहसुन की कलियां खाना फायदेमंद होता है।
4. कॉफी
कॉफी में मौजूद लो डोज वाला कैफीन दर्द को नैचुरल तरीके से दूर करने का काम करता है। सिर दर्द या तनाव महसूस कर रहे हैं तो 1 कप कॉफी का सेवन करें, लेकिन इस बात का ख्याल जरूर रखें कि दिन में 2 कप से ज्यादा कॉफी नहीं पिएं। वहीं जिन लोगों को हाई बीपी की शिकायत पहले से ही है वो भी कॉफी का सेवन पूछकर ही करें।
5. ओमेगा-3 युक्त फूड्स (जैसे अलसी, अखरोट, मछली)
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शरीर में सूजन कम करते हैं। जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द और सिर दर्द में यह बहुत असर दिखाती है। शाकाहारी लोग अलसी के बीज और अखरोट खा सकते हैं। वही ओमेगा-3 का बेस्ट सोर्स मछली भी है। सी फूड खाने में टेस्टी ही नहीं, बल्कि हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छी मानी जाती है। सालमन और मैकेरल फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो पेनकिलर रिलीफ का काम करता है। इसी के साथ इसमें विटामिन डी होता है। जोड़ों के दर्द, यूरिक एसिड की प्रॉब्लम में सालमन फिश खानी बेस्ट मानी जाती है।
6. ब्रोकली और पत्तेदार सब्जियां खासकर मिंट
हरी पत्तेदार सब्जियां कई तरह से आपको फायदा पहुंचाती है। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और फोलेट जैसे तत्व होते हैं जो मांसपेशियों के दर्द और पीठ दर्द में राहत पहुंचाते हैं। खासकर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान इनका सेवन करना चाहिए। मिंट यानि पुदीना भी दर्द निवारक का काम करता है। पेट की गैस, सीने में जलन, अपच, पेट दर्द आदि की परेशानी हो तो मिंट टी का सेवन करें। यह वजन कम करने में भी मददगार है।
7. ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल भी पेनकिलर का काम करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट पॉलीफेनॉल पाया जाता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है। मक्खन की जगह ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प है। इसमें मौजूद हाई सैचुरेटेड फैट, दर्द कम करने के साथ-साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। एक टेबलस्पून ऑलिव ऑयल में 120 कैलोरी पाई जाती है।
8. नट्स
बादाम व अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटी-ऑक्सीडेंट्स दर्द से आराम दिलाने में सहायक है। आप सलाद में इसे शामिल कर सकते हैं या फिर लंच के बाद इसे लें।
9. स्ट्रॉबेरी-ब्लूबेरी या पपीता
स्ट्रॉबेरी में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट व दर्द को कम करने वाले तत्व पाए जाते है। एक रिसर्च में पाया गया था कि जिन लोगों की सर्जरी हुई हो, उनके लिए विटामिन-सी का सेवन बेहद कारगर साबित होता है। यह दर्द को कम कर जल्द रिकवरी करने में मदद करता है। ब्लूबेरी में एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। पपीता में पपैन नामक एक एंजाइम होता है जो एक प्राकृतिक दर्द निवारक का काम करता है। आप पपीते को कच्चा खा सकते हैं या इसका जूस या स्मूदी बनाकर पी सकते हैं। स्ट्रॉबेरी, संतरे और अन्य फल भी एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स से भरपूर होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।