बाप रे..! ये 5 आदतें खराब कर सकती हैं आपकी आवाज़, बोलोगे तो निकलेगा कुछ और ही

punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 02:16 PM (IST)

 नारी डेस्क:  क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपकी आवाज़ पहले जैसी नहीं रही? बोलते वक्त गले में भारीपन या दर्द महसूस होता है? अगर हां, तो सतर्क हो जाइए! यह संकेत है कि आपके लैरिंक्स (Larynx) यानी स्वरयंत्र में कोई गड़बड़ी हो सकती है। यह वही हिस्सा है, जिसकी मदद से हम बोलते हैं, गाते हैं और अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। मगर कुछ गलत आदतें इस स्वरयंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। चलिए जानते हैं कौन सी हैं वो आदतें जो आपकी आवाज़ को हमेशा के लिए छीन सकती हैं 

 लैरिंक्स क्या होता है और इसकी भूमिका क्यों अहम है?

लैरिंक्स को हिंदी में स्वरयंत्र कहा जाता है। यह हमारे गले के बीच स्थित एक छोटी नली होती है जो बोलने, सांस लेने और निगलने के काम में मदद करती है। जब हम बोलते हैं, तो हवा फेफड़ों से निकलकर लैरिंक्स से होकर गुजरती है और वहां मौजूद वोकल कॉर्ड्स (Vocal Cords) कंपन पैदा करते हैं, जिससे आवाज़ बनती है। अगर यह नली या इसके आसपास की मांसपेशियाँ क्षतिग्रस्त हो जाएं, तो आपकी आवाज़ बैठ सकती है या गायब भी हो सकती है। कई मामलों में लोगों को बोलने में तकलीफ, गले में गांठ या दर्द जैसी समस्याएँ भी हो जाती हैं।

 लैरिंक्स की परेशानी के संकेत क्या हैं?

लैरिंक्स बहुत संवेदनशील होता है और इसका ध्यान न रखने पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। सबसे पहले गले में लगातार खराश या दर्द इसका शुरुआती संकेत है। इसके अलावा यदि आपकी आवाज़ अक्सर बैठ जाती है या बोलने में भारीपन महसूस होता है, तो यह भी एक चेतावनी है। अगर निगलने में परेशानी होती है, खांसी बार-बार आती है, या गले में कोई गांठ जैसी चीज़ महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। लंबे समय तक ऐसे लक्षण बने रहना लैरिंक्स कैंसर (Laryngeal Cancer) का भी संकेत हो सकता है।

आपकी आवाज़ छीनने वाली 5 गंदी आदतें

सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन

सिगरेट पीना और शराब पीना लैरिंक्स को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली आदत है। तंबाकू के धुएं में मौजूद रसायन वोकल कॉर्ड्स को जलाते हैं और धीरे-धीरे उनमें गांठें बनने लगती हैं। शराब गले की परत को सुखा देती है जिससे संक्रमण और सूजन का खतरा बढ़ जाता है। ये दोनों मिलकर वॉइस बॉक्स कैंसर तक का कारण बन सकते हैं।

 ऊंची आवाज़ में लगातार बोलना या चिल्लाना

जो लोग लगातार चिल्लाते हैं या ऊंची आवाज़ में बात करते हैं  जैसे टीचर, स्टेज आर्टिस्ट या कॉल सेंटर वर्कर  उन्हें वोकल कॉर्ड्स पर स्ट्रेन (दबाव) पड़ता है। इससे आवाज़ में भारीपन, खराश और कंपन की क्षमता में कमी आती है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे लोगों को दिनभर में कुछ समय के लिए वॉइस रेस्ट लेना चाहिए ताकि गले को रिकवरी का समय मिल सके।

ठंडे पानी और कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन

बहुत ठंडे पेय पदार्थों का सेवन अचानक से गले की मांसपेशियों को सिकोड़ देता है। इससे स्वरयंत्र में सूजन आ सकती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।लंबे समय तक ठंडे पेय पीने से क्रॉनिक लैरिंजाइटिस (Chronic Laryngitis) यानी गले की सूजन की समस्या हो जाती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हमेशा गुनगुना या सामान्य तापमान का पानी पिएं।

मसालेदार और तली चीज़ों का अधिक सेवन

ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) को बढ़ाता है। जब पेट का एसिड ऊपर गले तक आता है, तो यह स्वरयंत्र की परत को जला देता है जिससे दर्द और जलन होती है। अगर यह समस्या बार-बार होती है तो धीरे-धीरे आपकी आवाज़ कमजोर पड़ने लगती है। इसलिए खाने में हल्के मसाले और फाइबरयुक्त चीज़ें शामिल करें।

 नींद की कमी और तनाव

लगातार मानसिक तनाव और नींद की कमी भी गले की सेहत पर असर डालती है। तनाव से वोकल कॉर्ड्स में अकड़न आती है और गला सूखने लगता है।
नींद पूरी न होने पर शरीर की हीलिंग क्षमता घट जाती है जिससे लैरिंक्स रिकवर नहीं कर पाता। इसलिए रोज़ाना कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद और तनावमुक्त जीवनशैली बेहद ज़रूरी है।

 लैरिंक्स को स्वस्थ रखने के उपाय

अगर आप चाहते हैं कि आपकी आवाज़ सालों तक मीठी और मजबूत बनी रहे, तो नीचे दिए सुझावों का पालन करें  शहद, अदरक, तुलसी और मुलेठी जैसी औषधीय चीज़ों का सेवन करें। इनसे बना काढ़ा गले की सूजन कम करता है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
गुनगुना पानी पिएं, खासतौर पर सुबह और रात में सोने से पहले। योग और प्राणायाम करें, जैसे कपालभाति, उज्जायी प्राणायाम और सिंघासन। ये लैरिंक्स को मजबूत बनाते हैं। तनाव कम करें और नींद पूरी लें ताकि गला आराम कर सके। लंबे समय तक बोलने से बचें और आवाज़ को समय-समय पर आराम दें। आवाज़ हमारी पहचान होती है।

अगर आप चाहते हैं कि आपकी आवाज़ हमेशा सुरीली और साफ़ रहे, तो अपनी इन बुरी आदतों पर लगाम लगाइए। थोड़ी सी सावधानी और जीवनशैली में छोटे बदलाव आपकी आवाज़ को हमेशा के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।  

 


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Content Editor

Priya Yadav

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