बच्चों में तेजी से बढ़ रहा मोटापा, पेरेंट्स जानें कैसे रखें वजन को कंट्रोल
punjabkesari.in Monday, Jan 31, 2022 - 01:19 PM (IST)
आजकल के बच्चों का बचपन मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर में इस कद्र बिजी हो गया है कि वो अनहैल्दी लाइफस्टाइल का शिकार हो रहे हैं। अनिमियत व गलत खानपान के कारण बच्चों में मोटापे की समस्या भी काफी बढ़ रही है। शोध के मुताबिक, पिछले 20 से 30 वर्षों में बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है, जिसके कारण वो टाइप-2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। चलिए आपको बताते हैं बच्चों में मोटापे का कारण और उसे कंट्रोल करने का तरीका
क्या कहता है शोध?
1971-1974 के सर्वेक्षण में 2 से 5 साल के बीच के केवल 5% बच्चों को अधिक वजन माना गया, जबकि इस उम्र के 13.9% बच्चे हाल ही में 2003-2004 के सर्वेक्षण में अधिक वजन वाले थे। वहीं, 1971-1974 के सर्वेक्षण में 6 से 11 वर्ष की आयु के केवल 4% बच्चों को अधिक वजन माना गया, जबकि इस उम्र के 18.8% बच्चों का वजन हाल ही में 2003-2004 के सर्वेक्षण में अधिक था। 1971-1974 के सर्वेक्षण में 12 से 19 साल के बीच के केवल 6.1% बच्चों को अधिक वजन माना गया, जबकि इस उम्र के 17.4% बच्चों का वजन 2003-2004 के हालिया सर्वेक्षण में अधिक था। सौभाग्य से, बचपन में मोटापे की दर 2003 से स्थिर रही है, मोटापे की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
बच्चों में मोटापा कैसे परिभाषित किया जाता है
बच्चों की ऊंचाई, वजन और उम्र का उपयोग करके उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का पता लगा सकते हैं। इसके लिए आप बीएमआई कैलकुलेटर, बीएमआई फॉर्मूला और फिर उनके बॉडी मास इंडेक्स को बीएमआई ग्रोथ चार्ट फॉलो करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब रिपोर्ट करते हैं कि दो-तिहाई वयस्क अब अधिक वजन वाले हैं, जिनका बीएमआई 25 या उससे अधिक है। इसके अलावा, एक तिहाई वयस्कों का बीएमआई 30 या उससे अधिक है और उन्हें मोटा माना जाता है।
सीडीसी के अनुसार, वर्तमान बीएमआई परिभाषाएं हैं:
- कम वजन: 5वें प्रतिशतक से कम
- स्वस्थ वजन: 5वें से 85वें प्रतिशतक से कम
- अधिक वजन: 85वें से 95वें प्रतिशतक से कम
- मोटापा: 95वें प्रतिशतक के बराबर या उससे अधिक
बच्चों में मोटापा बढ़ाने वाले कारण
. शोध के अनुसार, बच्चे हर महीने 3,500 कैलोरी खाते हैं, जो मोटापे के सबसे बड़े कारण है
. हर दिन एक या दो घंटे से अधिक स्क्रीन टाइम (टीवी, कंप्यूटर, वीडियो गेम) बचपन के मोटापे के लिए एक जोखिम कारक है
इन बीमारियों का रहता है खतरा
जो बच्चे मोटे होते हैं उन्हें टाइप 2 मधुमेह, अस्थमा, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, सांस लेने में समस्या, जोड़ों की समस्या, लीवर कैंसर, फैटी लीवर की बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।
कैसे कम करें मोटापा?
. फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेने से आपके बच्चे को स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। टीवी, मोबाइल की बजाए बहार खेल कूद करवाएं।
. पौष्टिक व संतुलित आहार दें। अगर आपका बच्चा अधिक वजन का है तो एक्सपर्ट से डाइट चार्ट बनवाएं।
. बच्चों को फास्ट फूड्स अधिक ना दें बल्कि उन्हें घर का खाना दें।
. मीठी चीजें, चॉकलेट, आईक्रीम, डिब्बा फूड्स से जितना हो सके परहेज करवाएं।
. योग, एक्सरसाइज को डेली रूटीन का हिस्सा बनवाएं।