अमेरिका में तेजी से फैल रहा कोरोना का नया स्ट्रेन, क्या भारत में भी होगा इसका असर?
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 12:00 PM (IST)

नारी डेस्क : कोरोना वायरस की महामारी ने पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। समय के साथ वैक्सीन और इलाज ने स्थिति को काबू में किया, लेकिन वायरस का लगातार बदलता स्वरूप अभी भी चिंता का कारण है। अब अमेरिका में कोरोना का नया वेरिएंट XFG (स्ट्रेटस) तेजी से फैल रहा है और विशेषज्ञों का कहना है कि सतर्क रहना जरूरी है।
नया स्ट्रेन (Strain) कहां और कब पाया गया?
स्ट्रेटस (Strain) वेरिएंट सबसे पहले जनवरी 2025 में दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया गया था। इसके बाद यह बहुत तेजी से फैलता गया और जून तक यह 38 देशों में पहुंच चुका था। अमेरिका में भी इसके मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। अब तक नौ राज्यों में संक्रमण बढ़ा है, जिनमें न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, डेलावेयर, वर्मोंट, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा और साउथ डकोटा शामिल हैं।
स्ट्रेटस से पहले का वेरिएंट: इससे पहले निंबस वेरिएंट आया था, जो बहुत संक्रामक और गंभीर माना गया। निंबस से संक्रमित लोगों में गले में तेज दर्द (रेजर ब्लेड सोर थ्रोट) जैसी समस्या देखने को मिली।
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स्ट्रेटस वेरिएंट के मुख्य लक्षण
गले में खराश या खिंचाव जैसा दर्द और सांस लेने में तकलीफ या सीने में जकड़न होना।
मतली या उल्टी जैसा अनुभव और पेट खराब होना या भूख न लगना।
दिमागी थकान, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी साथ ही सिरदर्द और पूरे शरीर में दर्द होना।
स्वाद और गंध का कम या न आना।
राहत और बचाव के उपाय
राहत और बचाव के लिए सबसे पहले डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीवायरल दवाएं ली जा सकती हैं। शुरुआती लक्षण दिखने पर घरेलू उपाय जैसे गुनगुना पानी पीना, भाप लेना और हल्दी-दूध का सेवन भी आराम पहुंचा सकता है। अगर बुखार या शरीर में दर्द हो तो सामान्य दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह दवा न लें। इसके साथ ही पर्याप्त आराम और संतुलित आहार लेना शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वेरिएंट लगातार बदलते रहेंगे, इसलिए सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनना, हाथ नियमित रूप से धोना, और संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है। इसके अलावा समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहना भी संक्रमण से बचाव में मदद करता है। कुल मिलाकर, जागरूक रहना और सुरक्षा उपाय अपनाना ही कोरोना संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।