अनोखी दिवाली! यहां कुत्तों की होती है पूजा, अलग अंदाज में लोग मनाते हैं त्योहार

punjabkesari.in Thursday, Nov 05, 2020 - 12:57 PM (IST)

हिंदू धर्म में दिवाली को लोग बड़े धूम धाम से मनाते हैं। दिवाली से कुछ दिनों पहले ही लोग अपने घरों की सफाई करना शुरू कर देते हैं। दिवाली की रात घर को दीप और लाइटों से सजाया जाता है। हर तरफ रोशनी ही रोशनी होती है। लोग एक दूसरे को दिवाली पर गिफ्ट्स देते हैं और धूमधाम से इस पर्व को मनाते हैं। 

देखा जाए तो दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। लोग अपने घर के मंदिरों को साफ करते हैं। मां लक्ष्मी जी को अच्छे से सवारते हैं। दिवाली दुनिया के हर एक कोने के लोग मनाते हैं लेकिन दिवाली को मनाने के भी सबके अलग-अलग रीति रिवाज हैं। एक ऐसी ही जगह है जहां दिवाली पर अलग ही रस्में होती हैं। 

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दिवाली पर की जाती है कुत्तों की पूजा

हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वहां दिवाली पर कुत्तों की पूजा की जाती है। जी हां...आपको भी सुन कर झटका तो जरूर लगा होगा लेकिन यह सच है। हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह भारत का पड़ोसी देश नेपाल है। 

दिवाली को कहा जाता है तिहार 

नेपाल में भारत की तरह ही दिवाली मनाई जाती है लेकिन वहां दिवाली को तिहार कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घर पर दीए जलाते हैं। अपने घर पर रोशनी करते हैं साथ ही यहां जो रस्म अलग है वह है कुत्तों की पूजा करना।  दिवाली के अगले ही दिन एक और दिवाली मनाई जाती है। 

दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है एक और दिवाली 

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यहां दिवाली के एक और दिन बाद एक बार फिर दिवाली मनाई जाती है जिसे कुकुर तिहार कहा जाता है। इस दिन कुत्तों की पूजा की जाती है। 

पांच दिन चलती है दिवाली 

इतना ही नहीं भारत में जहां दिवाली एक दिन चलती हैं  वहीं नेपाल में यह दिवाली तकरीबन 5 दिन तक चलती है। इस दौरान अलग-अलग जानवरों की पूजा की जाती है जैसे कि गाय, कुत्ता, कौआ और बैल। पहले दिन कौए की पूजा की जाती है, जिसे यमराज के दूत के रूप में माना जाता है। दूसरे दिन कुत्ते की पूजा की जाती है, कुत्ते को भगवान भैरव के रूप में पूजा जाता है। तीसरे दिन गाय की पूजा की जाती है, जिसे देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। चौथे दिन शक्ति के देवता बैल को पूजा जाता है। पर्व के पांचवें यानी आखिरी दिन बहनें अपने भाईयों के सम्मान में मनाती हैं।

कुत्तों के लिए तैयार होते हैं खास व्यंजन 

कुकुर तिहार पर कुत्तों को खास तौर पर सम्मान दिया जाता है। उनके लिए स्पेशल व्यंजन बनाए जाते हैं। उनकी पूजा की जाती है। फूलों का हार पहनाया जाता है। तिलक लगाया जाता है। कुत्तों को दही का भी सेवन कराया जाता है। अंडे व दूध खाने के लिए भी दिए जाते हैं। ऐसा करने का कारण होता है कि कुत्ते हमेशा उनके साथ बने रहें।

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इस वजह से की जाती है कुत्तों की पूजा 

अब आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर दिवाली के दिन कुत्तों की पूजा क्यों की जाती है तो इसके पीछे का कारण है कि यहां के लोग कुत्तों को यम देवता का संदेशवाहक मानते हैं। नेपाली लोगों का ऐसा मानना है कि कुत्ते मरने के बाद भी अपने मालिक की रक्षा करते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से नेपाल में कुत्तों की पूजा की जाती है। 


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Content Writer

Janvi Bithal

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