नवरात्रि के व्रत में अगर नहीं पीते लंबे समय तक पानी, तो हो सकती हैं ये 5 बड़ी दिक्कतें
punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 01:35 PM (IST)

नारी डेस्क : नवरात्रि के पावन अवसर पर भक्त मां दुर्गा की भक्ति में पूरी तरह डूब जाते हैं। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से ही खास नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन को डिटॉक्स करने का भी एक बेहतरीन अवसर माना जाता है। हालांकि, व्रत के दौरान कई लोग पानी पीना कम कर देते हैं या पूरी तरह से बंद कर देते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।डॉक्टरों का कहना है कि पानी हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा है। यह हमें हाइड्रेट रखने के साथ-साथ पाचन, त्वचा और दिमाग के सही कामकाज के लिए जरूरी है। लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार लंबे समय तक पानी न पीने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
लंबे समय तक पानी न पीने से शरीर में सबसे पहले डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। डिहाइड्रेशन का मतलब है शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी। इससे थकान, चक्कर आना, कमजोरी और सुस्ती महसूस होने लगती है। अगर पानी की कमी ज्यादा हो जाए तो सिरदर्द, उल्टी, यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है। एक स्टडी के अनुसार, शरीर में सिर्फ 2-3% पानी की कमी होने पर भी दिमाग की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत और मूड स्विंग्स की समस्या हो सकती है। इसलिए व्रत के दौरान हल्का-फुल्का जल सेवन करना या नारियल पानी, फलों का रस जैसी हाइड्रेटिंग चीजें लेना जरूरी है।
पाचन संबंधी समस्याएं
लंबे समय तक पानी न पीने का सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। पानी आंतों में भोजन को पचाने और मल को नरम रखने में मदद करता है। नवरात्रि में लोग अक्सर साबूदाना, आलू, कुट्टू का आटा जैसे भारी भोजन खाते हैं, लेकिन पानी कम पीने से कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है। रिसर्च बताती है कि पानी की कमी से आंतों में मल का जमाव (स्टूल बिल्डअप) हो सकता है, जिससे पेट भारी लगने लगता है और ब्लोटिंग की समस्या होती है। अगर लंबे समय तक पानी की कमी बनी रहे तो क्रॉनिक कब्ज और पाचन से जुड़ी अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं। इसलिए व्रत में भी पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थ लेना जरूरी है।
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ब्लड शुगर में असंतुलन
डायबिटीज के मरीजों के लिए यह और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। व्रत के दौरान पानी न पीने से ब्लड शुगर लेवल पर सीधा असर पड़ता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। लंबे समय तक भूखे रहने और पानी न पीने से ब्लड शुगर लेवल अचानक गिर सकता है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना और पसीना आने जैसी समस्याएं होती हैं। वहीं, व्रत तोड़ते समय अगर मीठा या हाई-कार्ब खाना खाया जाए तो शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है।
त्वचा की नमी खोना
लंबे समय तक पानी न पीने का सबसे तेज असर हमारी त्वचा पर दिखने लगता है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो त्वचा अपनी प्राकृतिक नमी खो देती है। इसके कारण होंठ फटने लगते हैं, स्किन रूखी और बेजान दिखने लगती है और चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां आने लगती हैं। यह समस्या नवरात्रि जैसे व्रत के दौरान ज्यादा हो सकती है, क्योंकि पानी की कमी से शरीर में टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते। बता दें की रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है, कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ता है और स्किन हेल्दी व ग्लोइंग दिखती है।
किडनी पर दबाव
लंबे समय तक कम पानी पीने का सीधा असर किडनी पर पड़ता है। जब शरीर में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता, तो पेशाब की मात्रा कम हो जाती है, जिससे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते और किडनी पर अतिरिक्त दबाव बनने लगता है। इस स्थिति में किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उसके कामकाज पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, डिहाइड्रेशन की वजह से यूरिन गाढ़ा हो जाता है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक पानी की कमी रहने पर किडनी में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स का जमाव हो सकता है, जो किडनी स्टोन बनने का कारण बनता है। नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीने से किडनी हेल्दी रहती है और उसका फ़िल्ट्रेशन सिस्टम सही ढंग से काम करता है।
नवरात्रि के व्रत का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व जरूर है, लेकिन इस दौरान अपने शरीर की जरूरतों को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। लंबे समय तक पानी न पीने से डिहाइड्रेशन, पाचन संबंधी समस्याएं, ब्लड शुगर का असंतुलन, त्वचा की नमी खोना और किडनी पर अतिरिक्त दबाव जैसी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए व्रत रखते समय पर्याप्त पानी या हेल्दी लिक्विड्स का सेवन करें, हल्का और संतुलित आहार लें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।