Navratri 2020: मन्नत पूरी होने के बाद भक्त चढ़ाते हैं मां भद्रकाली को यह 1 चीज

punjabkesari.in Sunday, Mar 29, 2020 - 07:38 PM (IST)

भारत में नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। यह पूरे 9 दिनों तक चलने वाला त्योहार है। इन दिनों देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। तो चलिए आज हम आपको मां दुर्गा के भद्रकाली शक्तिपीठ मंदिर के बारे में बताते हैं।

हरियाणा स्थित कुरुक्षेत्र के इस ...

 कहां स्थित है भद्रकाली देवीकूप मंदिर?

 हरियाणा के कुरुक्षेत्र में प्रसिद्ध भद्रकाली देवीकूप मंदिर बना हुआ है। यहां पर देवी सती का टखना गिरा था। यह शक्तिपीठ मां के 8 स्वरूपों में से एक और बेहद प्रसिद्ध मंदिर है। तो चलिए जानते हैं देवी मां के इस शक्तिपीठ की खासियत और मान्यताएं...

 क्या है इतिहास?

 मां भद्रकाली के इस मंदिर का इतिहास माता सती से संबंधित माना जाता है। कहा जाता है कि सती मां के अग्नि में जलने के बाद भगवान शिव उनकी मृत देह को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमे थे। ऐसे में शिव जी की पीड़ा कम करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए थे। इसतरह जहां- जहां उनके शरीर के हिस्से गिरे वहीं पर शक्तिपीठों की स्थापना की गई।

 यहां गिरा था सती माता का दायां टखना

 माता के भद्रकाली देवीकूप में भगवान शिव जी की अर्द्धांगिनी सती माता का दायां टखना गिरा था। बात अगर पुराणों की करें तो उनके मुताबिक इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण और उनके भाई बलराम का मुंडन संस्कार हुआ था। इसके साथ ही इस मंदिर का संबंध महाभारत से भी जुड़ा है। कहा जाता है कि युद्ध स्थल जाने से पहले श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस ही मंदिर में मां के भद्रकाली स्वरूप की पूजा करने को कहा था।

 मनोकामना पूरी होने पर क्या चढ़ाया जाता है?

 महाभारत का युद्ध जीतने के लिए अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली थी। उन्होंने कौरवों को हराने के बाद अपना प्रिय घोड़ा माता को अर्पित करने को कहा था। इसलिए युद्ध जीतने के बाद उन्होंने अपना श्रेष्ठ घोड़ा माता के मंदिर चढ़ाया था। तभी से लोगों ने वहां अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद सोने, चांदी और मिट्टी के घोड़े चढ़ाने शुरू कर दिए।


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Content Writer

Vandana

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