बनते-बनते बिगड़ जाती है विवाह की बात, नवरात्रि पर ये उपाय करने से  शीघ्र बजेगी शहनाई !

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 05:28 PM (IST)

नारी डेस्क: नवरात्रि के दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान की गई पूजा, व्रत, और उपायों का बहुत महत्व होता है, विशेषकर जब व्यक्ति विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी के विवाह में अड़चनें आ रही हों, तो नवरात्रि  के दौरान इन उपायों को अवश्य करें।

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दुर्गा सप्तशती का पाठ 

नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ अत्यंत फलदायक होता है। यह माना जाता है कि इससे विवाह में आ रही सभी प्रकार की अड़चनें और नकारात्मक प्रभाव दूर हो सकते हैं। इसे सच्चे मन और विश्वास के साथ करें और मां दुर्गा से अपने विवाह के सफल होने की प्रार्थना करें।नवरात्रि के अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। यदि किसी के विवाह में बाधाएं आ रही हैं, तो इस दिन कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराएं और उपहार स्वरूप वस्त्र और फल दें।

 

गौरी पूजन

 इसके अलावा नवरात्रि में मां पार्वती, जिन्हें गौरी माता भी कहा जाता है, का पूजन विशेष रूप से अविवाहित लड़कियों के लिए किया जाता है। मां गौरी को अखंड सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक माना जाता है, इसलिए उनके पूजन से विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस पूजन के लिए मां गौरी को हल्दी, चूड़ियां, और सिंदूर अर्पित करें।

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मां को लाल चुनरी और सिंदूर चढ़ाएं 

मां दुर्गा को लाल चुनरी और सिंदूर चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और जल्दी विवाह के योग बनते हैं। पूजा के समय मां दुर्गा के सामने बैठकर विवाह की प्रार्थना करें और लाल चुनरी चढ़ाकर आशीर्वाद लें। इसके अलावा मां दुर्गा के चरणों में एक नारियल चढ़ाएं और पूजा के बाद इसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें। इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं और जल्द विवाह के योग बनते हैं।

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जप और ध्यान 

नवरात्रि के दिनों में "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का 108 बार जप करें।  नवरात्रि के पहले दिन से आरंभ करके कम से कम 40 दिनों तक  माता कात्यायनीका पूजन करें। इससे आपकी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होनी और सुयोग्य वर की प्राप्ति होगी। पूजन के साथ आपको कात्यायनी माता के मंत्र कात्यायनी महामाये महा योगिन्य धीश्वरी नंद गोप सुतं देवी पतिं में कुरु ते नमः' का जाप करना होगा।


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vasudha

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