बदलते मौसम में बार-बार जुकाम? आज़माएं ये नेचुरल नुस्खे, 3–4 दिनों में दिखेगा असर
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 10:01 AM (IST)

नारी डेस्क: मौसम के बदलते ही सर्दी-जुकाम, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक तरीके से जुकाम का इलाज अधिक प्रभावी और सुरक्षित माना जाता है। विशेषज्ञ के अनुसार, यदि आप शुरुआती लक्षणों पर ही कुछ नेचुरल उपाय अपनाएं, तो 3–4 दिनों में बिना दवा के राहत पा सकते हैं।
बदलते मौसम में क्यों होता है जुकाम?
मौसम में अचानक बदलाव के दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती है। ठंडी हवा, संक्रमण और प्रदूषण के कारण नाक, गला और फेफड़ों पर असर पड़ता है। इससे शरीर संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो जाता है और जुकाम, खांसी जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। विशेष रूप से जिन लोगों को एलर्जी या साइनस की समस्या है, उन्हें यह संक्रमण जल्दी पकड़ता है।
पहले लक्षण में ही ठोस भोजन बंद करें
एक्सपर्ट कहते हैं
“अगर जुकाम के पहले ही लक्षण दिखें जैसे नाक बंद होना, छींक आना या गले में खराश तो सबसे पहले ठोस भोजन (Solid Food) बंद कर दें।” इस दौरान शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। ऐसे में भारी भोजन पचाने में शरीर की ऊर्जा खर्च होती है, जिससे रिकवरी धीमी होती है। इसलिए कुछ दिनों के लिए सिर्फ गर्म पानी, हर्बल टी, काढ़ा, नारियल पानी और ताजे फलों के रस का सेवन करें। 3–4 दिनों तक ऐसा करने से शरीर जल्दी संक्रमण से बाहर निकल आता है।
घर पर बनाएं असरदार काढ़ा
घर में उपलब्ध सामान्य सामग्रियों से तैयार किया गया काढ़ा जुकाम में रामबाण है। काढ़ा बनाने की विधि एक पैन में दो कप पानी डालें। इसमें आधा चम्मच सौंफ, दो इलायची, 5–6 तुलसी की पत्तियां, आधा इंच अदरक का टुकड़ा और आधा चम्मच हल्दी डालें। इसे धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। गुनगुना होने पर छानकर इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और दिन में दो बार पिएं। इस काढ़े से शरीर में गर्मी बढ़ती है, बलगम ढीला पड़ता है और नाक-गला खुल जाता है।
इन नेचुरल उपायों के फायदे
शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक होने का मौका मिलता है। दवाइयों पर निर्भरता कम होती है। गरम पानी और काढ़ा शरीर से टॉक्सिन्स (Toxins) को बाहर निकालते हैं। पाचन तंत्र मजबूत होता है और इम्यूनिटी बढ़ती है। हल्का आहार लेने से शरीर की ऊर्जा संक्रमण से लड़ने में केंद्रित रहती है। इन उपायों से न केवल जुकाम से राहत मिलती है बल्कि शरीर भविष्य के संक्रमणों के प्रति भी मजबूत होता है।
एक्सपर्ट की सलाह
“सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां दवा से नहीं, जीवनशैली से ठीक होती हैं। अगर आप समय रहते अपनी डाइट और आदतों में सुधार करें, तो बार-बार होने वाले संक्रमण से बच सकते हैं।” इसलिए बदलते मौसम में पर्याप्त नींद लें, तनाव से बचें, और रोज सुबह गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने की आदत डालें।
कब लें डॉक्टर की मदद
अगर जुकाम के साथ तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, या सीने में दर्द जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि ऐसे लक्षण वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत भी हो सकते हैं। बदलते मौसम में जुकाम से बचने के लिए दवा नहीं, बल्कि संतुलित आहार, सही दिनचर्या और आयुर्वेदिक उपाय ही सबसे कारगर हैं। “प्रकृति के दिए उपाय हमेशा शरीर को बिना नुकसान के ठीक करते हैं, बस उन्हें सही समय पर अपनाने की जरूरत है।”