दिलीप कुमार ने अभिनेताओं के लिए कोई महत्वपूर्ण सबक नहीं छोड़ा: नसीरुद्दीन शाह
punjabkesari.in Tuesday, Jul 13, 2021 - 09:33 AM (IST)
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का 7 जुलाई 2021 को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में देहांत हो गया था। जिससे पूरे बाॅलीवुड समेत देश को भी काफी दुख हुआ। बतां दें कि दिलीप कुमार को बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग के नाम से जाना जाता था, इसके अलावा उन्हें इंडस्ट्री में अभिनय की पाठशाला भी कहा जाता था। वहीं, बॉलीवुड के कई सेलेब्स उनकी मौत के छ: दिन बाद भी उनसे जुड़ी कई यादों को शेयर कर रहे हैं।
भारतीय सिनेमा में दिलीप कुमार की जगह कोई नहीं ले सकता
हाल ही में नसीरुद्दीन शाह ने दिलीप कुमार की रुखसती पर प्रतिक्रिया दी है। नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि वह भी दिवंगत अभिनेता की तरफ वैसे ही देखते थे, जैसे कि कोई अन्य सिनेप्रेमी। भारतीय सिनेमा में दिलीप कुमार की जगह कोई नहीं ले सकता।
दिलीप कुमार के एक्सप्रेशन नकली नाटकीयत, कट्टर आवाज मानदंडों का पालन नहीं करते थे
दिलीप कुमार के बारे में बात करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने एक सवाल उठाते हुए कहा कि क्या एक स्टार के रूप में उनका उदाहरण अनुकरण के योग्य था। हिंदी सिनेमा आज पूरी तरह स्टार केंद्रितता में डूबा हुआ है। नसीरुद्दीन शाह ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि, दिलीप कुमार के एक्सप्रेशन 'नकली नाटकीयत, कट्टर आवाज और लगातार हाथ हिलाने के' मानदंडों का पालन नहीं करते थे।
कई लोगो ने दिलीप कुमार के स्टाइल को कॉपी किया, लेकिन सभी नाकाम रहे
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उनकी मनमोहक शांति और बेदाग शिष्टता ने भारतीय फिल्मों में अच्छे अभिनय के लिए एक पैमाना स्थापित किया। उनकी चाल और हावभाव उनके साथियों और यहां तक कि उनके बाद आने वाले लोगों के भी समझ नहीं आया, हालांकि कई लोगों ने उनके स्टाइल को कॉपी करने की कोशिश की, लेकिन सभी नाकाम रहे।
उन्होंने कभी भी अपने अनुभव का लाभ नहीं उठाया
नसीरुद्दीन शाह ने आगे बताया कि वह जिस स्थिति में थे, उससे साफ है कि उन्होंने सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्की सामाजिक कार्यों में पर्याप्त रूप से शामिल नहीं हो सके, जो उनके दिल के करीब थे। उन्होंने कभी भी अपने अनुभव का लाभ नहीं उठाया, किसी को तैयार करने की जहमत नहीं उठाई और 1970 के दशक से पहले की अपनी परफॉर्मेंस के अलावा भविष्य के अभिनेताओं के लिए कोई महत्वपूर्ण सबक नहीं छोड़ा।