मिथ और सच: कैसे पता चलता है गर्भ में लड़की है या लड़का?

punjabkesari.in Wednesday, Sep 23, 2020 - 05:04 PM (IST)

जब आप गर्भवती होती हैं तो परिवार से लेकर आस-पास के बहुत से लोग आपको सलाह देते हैं या कहानियां बताते हैं। वहीं कुछ लोग तो अजन्मे बच्चे के लिंग का अनुमान भी लगाने लगता हैं। हालांकि, अवैज्ञानिक तरीकों से बच्चे के लिंग का अनुमान लगाना दिलचस्प है लेकिन आप उन पर भरोसा नहीं कर सकते। आज हम आपको उन सामान्य मिथकों के बारे में बताते हैं, जिसे लोग लड़का या लड़की होने का संकेत मानते हैं।

दिल की धड़कनें सुने

कहा जाता है कि अगर भ्रूण में पल रहे बच्चे की हार्ट बीट हर मिनट 140 -160 से ज्यादा हो तो वो बेबी गर्ल होगी। हालांकि साइंस का कहना है कि दिल की धड़कनों से भ्रूण के लिंग का कोई संबंध नहीं है। सामान्य भ्रूण की दिल की धड़कन 120 से 160 बीपीएम के बीच होती है, जो जन्म से पहले कम हो सकती है।

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मॉर्निंग सिकनेस होना

कुछ लोगों का मानना है कि मॉर्निंग सिकनेस होने भी लड़की होने का संकेत है जबकि विज्ञान के अनुसार ऐसा प्रेगनेंसी के दौरान आए हार्मोनल बदलाव के कारण होता है।

गर्भ का ऊंचा होना

बड़े बुजुर्गों का मानना है कि अगर बेबी बंप ऊपर की तरफ हो तो लड़की और नीचे की तरफ हो तो लड़का होता है। वहीं, बेबी बंप सीधा और गोल शेप में होना भी बेबी गर्ल का संकेत माना जाता है। मगर, यह धारणा पूरी तरह गलत है। प्रेगनेंसी के दौरान बेबी बंप की शेप पेट के आकार, चर्बी, मांसपेश‍ियों और भ्रूण की पोजिशन पर निर्भर करती है।

त्वचा में बदलाव

कुछ लोगों का मानना है कि ऑयली स्किन और बालों की डलनेस भी लड़की होने का संकेत है। मगर, विज्ञान की मानें तो ऐसा हार्मोनल बदलाव के कारण होता है।

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मूड़ स्विंग

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं का मूड़ बदलता रहता है लेकिन कुछ लोग इसे भी लड़की होने का संकेत मानते हैं।

ब्रेस्ट साइज में बदलाव

ऐसा माना जाता है कि अगर बायां स्तन दाहिने से थोड़ा बड़ा दिखाई दे तो यह लड़की होने का संकेत है लेकिन ऐसी सिर्फ एक धारणा है क्योंकि विज्ञान के मुताबिक, प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट का साइज मिल्क प्रोड्यूस और हार्मोनल बदलाव के कारण बढ़ता है।

महिलाओं का एक तरफ सोना

यह माना जाता है कि अगर आप अपनी गर्भावस्था में ज्यादा समय दाईं ओर सोते हैं तो आप शायद एक बच्ची को जन्म देने वाली हैं। हालांकि, यह सच नहीं है क्योंकि बढ़े हुए पेट के कारण गर्भवती महिलाओं की नींद की स्थिति में बदलाव आना स्वाभाविक है। ऐसे में महिलाएं जिस तरफ कम्फर्टेबल महसूस करती हैं उसी तरफ करवट लेकर सोती हैं।

यूरिन रंग में बदलाव

कन्वेंशन ज्ञान कहता है कि अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का यूरिन कलर डल यैलो हो तो आप एक लड़की को जन्म दे सकती हैं। मगर, असल में मूत्र का रंग शिशु के लिंग से संबंधित नहीं है लेकिन यूरिन का हल्का रंग डिहाइड्रेश का संकेत है।

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मीठी चीजों की क्रेविंग

एक आम धारणा यह है कि जब गर्भवती महिला को चॉकलेट और आइसक्रीम जैसे मीठे फूड्स की क्रेविंग होता है तो आपके भ्रूण में बच्ची होती है। मगर, प्रेगनेंसी में क्रेविंग हार्मोनल परिवर्तन, पोषण की कमी के कारण हो सकती है।

बेबी बंप पर डार्क लाइन दिखना

बेबी बंप पर दिखाई देने वाली डार्क लाइन (लाइनिया नाइग्रा) अगर नीचे खत्म हो जाए तो यह एक बेटी है। वहीं अगर रेखा आपके बैली बटन के ऊपर तक जा रही है तो यह एक लड़का हो सकता है।
Linea nigra

इसके अलावा लोग कुछ मजेदार तरीकों से भी ये भविष्यवाणी करते हैं कि गर्भ में लड़का होगा या लड़की...

- एक धागे में अंगूठी बांधकर अपने पेट के ऊपर लटकाएं। अगर अंगूठी पेट पर एक गोलाकार गति में घूमती है, तो यह एक संकेत है कि आपको बेटी हो सकती है।
-आपका दोस्त आपके सामने चाबियां रखेगा। आपको आंखें बंद करके उसमें से एक चाबी चुननी है। अगर आप गोल छोर पड़ती हैं तो आपको बेटी हो सकती हैं। वहीं अगर आप संकीर्ण छोर चुनेंगी तो लड़का हो सकता है।
-ऐसा माना जाता है कि अगर महिला की उम्र और गर्भधारण करने की तारीख एक समान हो तो आपको लड़की हो सकती हैं। वहीं अगर संख्या विषम हो तो ये लड़का होने का संकेत हो सकता है।

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हालांकि विज्ञान की नजर में यह सब धारणाएं ही है। इसका शिशु के लिंग से कोई लेना-देना नहीं है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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