मुहं में पत्थर भरे, जानवरों के बीच छोड़ा....सरकारी नौकरी के लिए मां ने 3 दिन के बच्चे को दी खौफनाक सजा

punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 04:13 PM (IST)

नारी डेस्क:  मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कुछ दिन पहले एक चट्टान के नीचे दबा हुआ तीन दिन का एक नवजात शिशु मिला था। उसकी हालत देखकर हर किसी का बस यही सवाल था कि उसे किसी जुर्म की इतनी बड़ी सजा मिली है। उसका जुर्म यह था कि उसके माता- पिता सरकारी नौकरी करते थे। जी, हां अपनी नौकरी को बचाने के चलते उसके माता- पिता ने ये खौफनाक कदम उठाया था। 


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नवजात शिशु के माता-पिता, जो दोनों प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हैं, कथित तौर पर चौथे बच्चे के जन्म के बाद अपनी नौकरी खोने के डर से उसे छोड़ गए थे। यह घटना रविवार रात नंदनवाड़ी गांव में तब सामने आई जब एक राहगीर ने रोड घाट के पास जंगल में चट्टानों के पास नवजात शिशु को पड़ा देखा। उसने पुलिस को सूचना दी, जो मौके पर पहुंची और शिशु को बचाया। शिशु को प्रारंभिक उपचार के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और फिर आगे की देखभाल के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।


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जांच में पता चला कि बबलू डंडोलिया और राजकुमारी डंडोलिया ने अपने बच्चे को जंगल में फेंका था। वह  2009 से एक प्राथमिक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। अपने कृत्य को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें चौथे बच्चे के कारण अपने शिक्षण पद से निलंबन या बर्खास्तगी का डर था और इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। उसके तीन और बच्चे हैं, जिनकी उम्र क्रमशः 8, 6 और 4 साल है। दोनों माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है।"बच्चे का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। 
 


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vasudha

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