मिनिएचर पेंटिंग से बढ़ाएं घर की शोभा
punjabkesari.in Friday, Jan 06, 2017 - 03:35 PM (IST)

इंटीरियर डैकोरेशनः कहते हैं कि एक पेंटिंग हजार शब्दों के बराबर है, वहीं एक खूबसूरत पेंटिंग तो लाखों शब्दों को बयां कर देती है। पेंटिंग यानि की चित्रकारी प्राचीनतम कलाओं में से एक है। इतिहास से जुड़ी विरासतों, सामाजिक आंदोलनों और संस्कृति का दस्तावेजीकरण करने में पेंटिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत के खूबसूरत और रंगीन राज्य, राजस्थान सुंदर चित्रकारी के लिए दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है। उनकी खूबसूरत चित्रकारी राज्य की समृद्ध ऐतिहासिक अतीत को दर्शाती है। वहां के कला प्रेमी लोगों ने मार्बल मीनाकारी से लेकर मिनिएचर पेंटिंग्स तक में महारत हासिल की है।
मिनिएचर पेंटिंग
मध्यकालीन युग से लघु चित्रकला का लंबा इतिहास रहा है। ऐतिहासिक परंपरा की दृष्टि से राजस्थानी चित्रकारी के लिए मेवाड़ स्कूल को पहला स्थान दिया जाता है। लघु चित्रकारी के लिए भी मेवाड़ स्कूल महत्वपूर्ण स्कूलों में से एक है। मिनिएचर पेंटिंग को लघु चित्रकारी भी कहा जाता है, जिसमें छोटे से आकार में बड़ी बारीकी के साथ खूबसूरत और स्पष्ट चित्रकारी की जाती है। शिल्पकार सरल उपकरणों की मदद से सुंदर चित्रकारी करते हैं। यह पेटिंग खास किस्म की मिनिएचर शीट के अलावा शुद्ध सिल्क और वेलवेट फैब्रिक पर की जाती हैं। इसके लिए नैचुरल कलर का इस्तेमाल किया जाता हैं। अरावली पर्वत से मिलने वाले रंगीन पत्थरों को पिस कर बारीक पाऊडर बनाया जाता हैं फिर इसी पाऊडर में पानी, तेल और गोंद मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है। मिनिएचर पेंटिंग में पुराने ऐसिहासिक स्थानों, बगान, महल, वह राजा-महाराजों की तस्वीरों के अलावा भगवान कृष्ण, राधा व मीरा की सुंदर चित्रकारी देखने को मिलती हैं। समय के साथ अब अन्य रंगीन विषयों पर भी सुंदर चित्रकारी आसानी से देखने को मिलती हैं, जिसमें रंगों के साथ ज्वैलरी, स्टड और मनकों का लाजवाब सुमेल देखने को मिलता है।
इंटीरियर डैकोरेशन
दीवारों या शोकेस में लगी पेंटिंग घर की शोभा बढ़ाती हैं। आप मिनिएचर पेंटिंग को अपने घऱ के इंटीरियर का हिस्सा बना सकते हैं। इससे घर को यूनिक और ट्रैडीशनल सी लुक मिलती हैं। मार्कीट में आपको लघु से लेकर बड़े आकार की पेंटिंग बड़ी आसानी से मिल जाएगी।