टोक्यो ओलंपिक में नारी शक्ति का लहराया परचम, तीन बच्चों की मां बाॅक्सर मेरीकॉम की हुई शानदार जीत

punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 03:25 PM (IST)

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना प्रदर्शन दिखाना शुरू कर दिया है वहीं इस बार ओलंपिक में महिला शक्ति देखने को मिल रही हैं एक के बाद एक महिला खिलाड़ी अपने-अपने खेल में शानदार प्रोफेंमस कर रही हैं। इसी बीच भारतीय स्टार बॉक्सर मैरीकॉम ने शानदार खेल दिखाया है। 38 वर्षीय इस बॉक्सर ने टोक्यो ओलंपिक में अपना पहला मैच जीत लिया है। राउंड 32 के मुकाबले में हर्नांडिज गार्सिया को 4-1 से हरा मैरीकॉम अंतिम 16 में प्रवेश कर गई हैं।

बतां देंकि भारत की स्टार महिला मुक्केबाज और छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम ने टोक्यो ओलंपिक में अपना पहला मैच जीत के साथ आगाज किया है। 

टोक्यो ओलिंपिक की रिंग में मैरीकॉम ने राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन ने डॉमिनिक रिपब्लिक की महिला बॉक्सर के खिलाफ मुकाबला जीत भारत के लिए मेडल की आस जगा दी है।

बतां दें कि इससे पहले मैरीकॉम ने लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। टोक्यो संभवत: उनका आखिरी ओलिंपिक हो सकता है, ऐसे में मैरी गोल्ड मेडल जीत अपने आखिरी ओलिंपिक को यादगार बनाना चाहेंगी। इस बार मैरी की निगाह ब्रॉन्ज को गोल्ड में बदलने पर होगी।

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मैरी के नाम दर्ज हैं ये विश्व रिकॉर्ड 
तीन बच्चों की मां 38 साल की मेरीकॉम साल ने साल 2000 में महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीत हासिल की इसके बाद 2001 में महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप AIBA में रजत पदक जीता। साल 2002 में गोल्ड मेडल हासिल किया और फिर 2003 में एशियन वीमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

साल 2005 में एशियन वीमेन चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक हासिल किया और इसके बाद अगले साल वीमेन बॉक्स कप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। मैरी 2012 ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज बनीं।

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मैरी को इन पदक से किया जा चुका है सम्मानित
बतां देंकि साल 2003 में मैरी को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था इसके तीन साल बाद 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। साल 2009 में उनको सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भी दिया गया।

 6 बार विश्व की चैंपियनशिप है मैरी काॅम
मैरी के नाम 6 बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने का विश्व रिकॉर्ड है। अब तक कोई भी महिला मुक्केबाज ने ऐसा नहीं किया है। अपने लगातार सात टूर्नामेंट में खेलते हुए पहली ही बार में मेडल जीतने वाली मैरी दुनिया की अकेली मुक्केबाज हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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