Dusshera Celebration पर ही क्यों होता है गेंदे के फूलों का इस्तेमाल, जानिए महत्त्व
punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 06:25 PM (IST)
भारत में बड़ी ही धूम-धाम से दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। नवरात्रि के दिनों से ही रावण दहन की तैयारियां शुरू हो जाती है। दशहरा को विजयादशमी या आयुधपूजा के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा एक बेहद शुभ तिथि होती है। इन दिनों में पौधे भी खिलखिला उठते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेंदे के फूलों का दशहरे के पर्व में खास महत्व है। अगर नहीं जानते तो चलिए आपको बताते हैं गेंदे को फूलों से जुड़ा धार्मिक महत्व।
- गेंदे के फूलों को अंग्रेजी में मेरीगोल्ड और संस्कृत में स्थूलपुष्प कहा जाता है।
- गेंदे का फूल केसरिया रंग का होता है। जो विजय, खुशी और उल्लास का प्रतीक माना जाता है। लाल मिश्रित पीला या फिर केसरिया मिश्रित पीला रंग पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं। प्रकृति का दिया गया यह उपहार प्यार, सम्मान और खुशी को दर्शाता है।
- शास्त्रों में गेंदे के फूलों को सूर्य का प्रतीक माना गया है। इनका एक अलग धार्मिक महत्व है। दशहरे के त्योहार में गेंदे के फूलों को पूजा में सजाया और चढ़ाया जाता है।
- गेंदे के फूलों को सच्चाई का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही यह फूल दिव्य शक्तियों का भी प्रतीक है। गेंदे के फूलों की खूशबू नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती है और तनाव को कम करती है।
- इसके अलावा गेंदे का फूल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाता है। सजावट के लिए काम आने वाले ये फूल कीट-पतंगों और मच्छरों को भी दूर रखने में मददगार है।
- गेंदे का फूल प्राकृतिक रूप से एंटीसेप्टिक का काम करता है। एक रिसर्च के मुताबिक ये फूल कान के संक्रमण को दूर करने में काफी मददगार सिद्ध होते हैं।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
आतंकवादी लहर ने विफल किया पाक सेना का नेतृत्व, राष्ट्र और लोगों के प्रति मौलिक कर्तव्य को लेकर उठे सवाल
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी