Painkiller से भी नहीं मिलती ज्वाइंट और बैक पेन से राहत? तो बस घर बैठे कर लें ये काम
punjabkesari.in Tuesday, Dec 20, 2022 - 10:55 AM (IST)
स्कैन में प्राय: पीठ की समस्या से पीड़ित लोगों को कोई नुकसान नहीं दिखता, लेकिन डॉक्टरों को इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि वे दर्द से कैसे निपटें। जब हम अचानक दर्द का अनुभव करते हैं तो कारण की तलाश करना और इसे खत्म करना स्वाभाविक हो जाता है। यदि हमारे पैर में कांटा लगने से दर्द होता है, तो हम उसे आसानी से दूर कर देते हैं। यदि दर्द अधिक समय तक बना रहता है, तो हम पैरासिटामोल ले सकते हैं, या आइस-पैक का उपयोग कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसे तरीके काम करते हैं। लेकिन कभी-कभी दर्द दूर नहीं होता। जब दर्द तीन महीने से अधिक समय तक बना रहता है, तो इसे पुराना दर्द कहा जाता है तथा कहानी और अधिक जटिल हो जाती है।
दर्द से राहत मिलना आसान नहीं
लगभग 20 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी प्रकार के पुराने दर्द का अनुभव करते हैं। कई लोगों के लिए परेशान करने वाला हो सकता है। दर्द निवारक (एनाल्जेसिक) या सर्जरी से पुराने दर्द से शायद ही कभी राहत मिलती है - हालांकि यह इन विकल्पों को आजमाने से लोगों को नहीं रोकता है। जब कोई दर्द बना रहता है, तो उपचार योग्य या प्रबंधनीय विशिष्ट कारणों की पहचान करने या उनका पता लगाने के लिए एक संपूर्ण चिकित्सा परीक्षण होना महत्वपूर्ण है। कुछ प्रकार का पुराना दर्द किसी अंतर्निहित बीमारी या स्थिति के कारण हो सकता है, जैसे गठिया या ट्यूमर। लेकिन अन्य पुराने दर्द में, अधिकांश पीठ दर्द की तरह, किसी विशिष्ट शारीरिक कारण की पहचान नहीं हो पाती। भले ही स्पाइनल स्कैन में अपकर्षक परिवर्तन पाए जाते हैं, यह दर्द का कारण नहीं हो सकता: कई अध्ययनों में ऐसे लोगों की रीढ़ की हड्डी में बदलाव पाया गया है जिन्हें दर्द नहीं होता, वहीं ऐसा भी होता है कि पीठ दर्द से पीड़ित अन्य लोगों की रीढ़ की हड्डी में कोई बदलाव न दिखे।
लंबे समय से चल रही है जांच
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पुराने दर्द से पीड़ित कई लोगों के लिए यह विश्वास करना कठिन होता है कि आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उनके दर्द को ठीक नहीं कर सकती। वे अकसर घबराहट की भावना और अपने स्वास्थ्य पेशेवरों से निराश होने की बात कहते हैं। सिर्फ पुराने दर्द से पीड़ित लोग ही लगातार दर्द से परेशान और निराश नहीं रहे हैं। प्रत्येक रोगी के दर्द की समस्याओं के लिए कुछ न कुछ कारक जिम्मेदार रहे हैं और उन्हें किसी उपचार योजना में शामिल किया जा सकता है। वर्ष 1982 के बाद से 40 साल में, कई देशों के अनुसंधानकर्ताओं ने पुष्टि की है कि स्कैन या शारीरिक परीक्षण प्राय: रोगियों द्वारा बताए गए दर्द के अनुभव और प्रभाव से बहुत कम या कोई संबंध नहीं रखते हैं।
आप कुछ आसान से उपाय अपनाकर अपने दर्द से आराम पा सकते हैं:-
लहसुन और प्याज: एक्सपर्ट अनुसार, रोजाना लहसुन और प्याज का सेवन करने से गठिया होने का खतरा कम रहता है।
तुलसी तेल: आप जोड़ों के दर्द से आराम पाने के लिए तुलसी का तेल इस्तेमाल कर सकते है। इस तेल से प्रभावित जगह पर मसाज करके से दर्द से आराम मिल सकता है।
हॉट और कोल्ड थैरेपी: जोड़ों के दर्द में हॉट या कोल्ड थैरेपी भी फायदेमंद मानी गई है। पानी की गर्मी और मसाज से स्किन पोर्स खुलने में मदद मिलेगी।
सिकाई: गर्म पानी नमक डालकर सेंकने से पैरों के दर्द में आराम मिलता है. इससे नहाने से सूजन कम होती है।
नीलगिरी का तेल: नीलगिरी के तेल को अपनी हथेलियों में लगाकर प्रभावित हिस्से की मालिश करें। नीलगिरी का तेल एंटी इंफ्लामेट्री गुण भी प्रदर्शित करता है, जो सूजन संबंधी समस्या से आराम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है
बड़े काम की है ये चीजें
अदरक
अदरक में फ़ाइटोकेमिकल्स और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे दर्द में राहत मिलती है। एक कप पानी में 1 चम्मच शहद और थोड़ा सा अदरक डालकर उबाल लें। इसे छानकर पीने से कुछ हद तक दर्द से राहत मिलेगी।
हल्दी
हल्दी का सेवन डीओएमएस यानी अधिक काम या एक्सरसाइज करने के कारण मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने के साथ-साथ मांसपेशियों के प्रदर्शन में सुधार कर सकता है। रोजाना एक कप गर्म दूध में 1 छोटा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से हड्डी से जुड़े दर्द में राहत मिलती है।
दालचीनी
दालचीनी में एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं। 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 छोटा चम्मच दालचीनी मिलाकर पीने से दर्द में राहत मिलती है।
Lifestyle में करें ये बदलाव
एक्सरसाइज: एक्सरसाइज ना करने से शरीर अकड़ने लगता है। इसके कारण वजन बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द की शिकायत होने का खतरा रहता है। वहीं रोजाना एक्सरसाइज करने से जोड़ों में फेक्सविलिटी आती है। इससे वजन कंट्रोल रहने के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या कम रहती है।
योग: मांसपेशियों में दर्द के उपाय के लिए योग का सहारा भी लिया जा सकता है (26)। बस ध्यान रहे कि किसी भी योग को विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करें
तनाव मुक्त रहें : दर्द का एक कारण तनाव को भी माना गया है, ऐसे में इस समस्या को दूर रखने के लिए जरूरी है कि स्ट्रेस फ्री यानी तनाव मुक्त रहें।
सही खान-पान: कई बार पौष्टिक तत्वों की कमी भी मांसपेशियों में दर्द का कारण बन जाती है। इसलिए, अपने खाने-पीने का खास ध्यान रखें। अपनी डाइट में हरी-सब्जियों, फल व ड्राई फ्रूट्स को जरूर शामिल करें। साथ ही उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हों
धूम्रपान और शराब से दूरी: शरीर को बीमारियों से दूर रखने के लिए धूम्रपान और शराब से दूरी बनान सबसे जरूरी है। इसलिए जितना हो सकते धूम्रपान और शराब के सेवन से परहेज करें।