क्यों होता है टांगों में दर्द? जानें कारण और राहत पाने के घरेलू उपाय
punjabkesari.in Tuesday, Mar 30, 2021 - 04:15 PM (IST)
आजकल टांगों में दर्द की समस्या आम देखने को मिलती है। हालांकि उम्र के साथ-साथ यह समस्या बढ़ती जाती है। इसके पीछे का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना, मसल्स में खिंचाव होना या फिर खेल-कूद के दौरान मोच आ जाना हो सकता है। मांसपेशियों की अकड़न भी इन्हीं कारणों में से एक है लेकिन लगातार इस तरह की समस्या बनी रहे तो आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। इसलिए आज हम आपको इससे बचने के लिए कुछ कारगर उपाय बताने जा रहे हैं।
क्या है टांगों में दर्द होने के आम कारण
- खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी होना।
- कोलेस्ट्रॉल को कम करने की दवाइयों का सेवन करना भी दर्द का एक कारण है।
- एक जगह बैठे रहने की वजह से मांसपेशियों में थकान के चलते टांगों में दर्द होता है।
- पैरों में खून का दौर रुकना।
- हड्डियों का संक्रमण होना।
- जोड़ों में सूजन।
टांगों में होनी वाली दर्द के प्रकार
1. न्यूरोलॉजिकल पेन (Neurological Pain)
किसी क्षति के कारण टांगों में होने वाली दर्द की स्थिति को न्यूरोलॉजिकल पेन कहा जा सकता है। साइटिक नर्व और अन्य किसी नर्व की वजह से भी पैरों में होने वाली दर्द को न्यूरोलोजिकल पेन कहते हैं।
2. वस्कुलर पेन (Vascular Pain)
वस्कुलर पेन में धमनी से जुड़ी समस्या के कारण होने पैरों में होने वाली दर्द को शामिल है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (नसों के पतला होने पर खून की दौरा रुकना) और डीप वेन थ्रोम्बोसिस यानि नसों में खून का जमना जैसी समस्याएं टांगों के दर्द का कारण बनती हैं।
3. मस्कुलोस्केलेटन पेन (Musculoskeletal Pain)
इस प्रकार की दर्द मांसपेशियां, लिगामेंट, जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के कारण होती है।
4. टेंडनाइटिस (Tendonitis)
टेंडन पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ती है। टेंडन्स में सूजन आने पर उसे टेंडनाइटिस कहा जाता है। इसके चलते प्रभावित जगह पर सूजन और साथ में दर्द की समस्या होने लगती है।
टांगों की दर्द से राहत पाने के घरेलू उपाय
बर्फ से सिकाई
टांगों में दर्द होने पर बर्फ से सिकाई करें। बर्फ के टुकड़ों को प्लास्टिक बैग या किसी तौलिए में रखकर प्रभावित जगह पर रखें और सर्कुलर घुमाते हुए मसाज करें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करें।
मसाज
मालिश करने से भी टांगों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। इससे डैमेज हुए मसल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होना शुरू हो जाता है। इसके लिए नारियल का तेल, सरसों या फिर जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें गुनगुना करके प्रभावित क्षेत्र पर मसाज करें और रातभर ऐसे ही छोड़ दें।
हल्दी
हल्दी नेचुरल एंटीसेप्टिक है, दर्द और इंफेक्शन को दूर करने में यह बेहद कारगर है। सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करें और हल्के हाथों से मसाज करते हुए दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। 30 मिनट बाद इसे साफ कर लें। रोजाना दिन में 2 बार यह लेप लगाने से फायदा मिलेगा।
एप्पल साइडर विनेगर
रोजाना गुनगुने पानी में 1 टेबलस्पून सेब का सिरका डालकर 15 मिनट के लिए पैर इसमें डुबो कर रखें। यह गठिया और यूरिक एसीड के लिए भी लाभकारी है।
एसेंशियल ऑयल से सिकाई
एक बाल्टी में थोड़ा से गर्म पानी लेकर उसमें एसेंशियल ऑयल को मिलाएं। इसके बाद पैरों को 10 से 15 मिनट पानी में डालकर रखें। फिर पैरों को पानी से निकालकर साफ पानी से धोएं। ऐसा हफ्ते में दो से तीन बार करें।
पुदीने की चाय
पुदीने की टाय भी पैरों के दर्द से राहत देती है। इसके लिए एक बर्तन में पानी गर्म करें और उसमें पुदीने की पत्तियां या टी बैग 5 मिनट के लिए डालें। पानी में पुदीने का रंग आने पर टी बैग या पुदीने की पत्तियों को निकाल दें। अब उसे कप में छानकर चाय का सेवन करें। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद या शक्कर डाल सकती हैं। पुदीने की चाय को दिन में एक बार जरूर पीएं।