महाराष्ट्र की मैराथॉन लेडीः पति की जान बचाने के लिए साड़ी में 60km दौड़ी लता खरे
punjabkesari.in Thursday, Sep 09, 2021 - 04:33 PM (IST)

जिस तरह सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापिस ले आई उसी तरह महाराष्ट्र की लता खरे ने भी अपने पति को बचाने के लिए हर असंभव को भी संभव कर दिखाया। 60 साल की उम्र में जहां लोगों के लिए 20 मिनट पैदल चल पाना मुश्किल हो जाता हैं वहीं लता खरे साड़ी में एक लंबी मैराथॉन में दौड़ी भी और जीत भी गई।
पति को बचाने मैराथन में दौड़ी लता खरे
दरअसल, साल 2014 में महाराष्ट्र की लता खरे के पति की तबीयत अचानक ख़राब हो गई थी। पति के बीमार होते ही जीवन भर खेत में मज़दूरी कर अपना घर चलाने वाली लता के ऊपर मानों मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा हो, ऐसे में पति का MRI स्कैन होना था जिसके लिए 5000 रुपएं की ज़रूरत थी, इतनी ज़्यादा रक़म लता ने आज से पहले देखी भी नहीं थी इसलिए घर में ये रक़म होना तो बहुत दूर की बात है।
साड़ी, चप्पल पहनकर लता ने मैराथॉन में हिस्सा लिया
इसी बीच लता को गांव में किसी ने बताया कि गांव के पास ही मैराथॉन हो रही है और उसमें प्रथम आने पर 5000 रुपये कैश मिलेगा। लेकिन लता को स्पोर्ट्स, दौड़ और मैराथॉन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उसके बावजूद उसने मैराथॉन दौड़ने का निर्णय लिया। पति को बचाने के आगे लता को कुछ नहीं सुझा और साड़ी, चप्पल पहनकर लता ने मैराथॉन में हिस्सा लिया।
चप्पल टूटी लेकिन हौंसला नहीं
दौड़ के बीच में ही उनकी चप्पल टूट गई लेकिन लता ने हौंसला नहीं हारा, लता उस दौड़ में प्रथम आईं और इनाम की 5000 राशि से पति का इलाज कराया। इसके बाद लता की मानों जिंदगी बदल गई और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आस-पास के क्षेत्रों में होने वाले कई मैराथॉन में हिस्सा लिया।
लता साड़ी में कभी चप्पल तो कभी नंगे पांव ही दौड़ती। मराठी में लता खरे के जीवन पर आधारित एक फ़िल्म भी बनी है जिसका नाम है लता भगवान करे।