संतान प्राप्ति के लिए रख रही है अहोई अष्टमी व्रत तो जान लें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

punjabkesari.in Tuesday, Oct 26, 2021 - 03:16 PM (IST)

करवा चौथ के तीन दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत पड़ता है। इस व्रत को महिलाएं संतान प्राप्ति व उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए रखती है। इस व्रत को भी महिलाएं करवा चौथ की तरह निर्जला रखती है। शाम को अहोई माता की पूजा करके तारे को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से अहोई माता प्रसन्न होकर संतान प्राप्ति व घर में सुख-समृद्धि रहने का आशीर्वाद देती है। मगर बाकी व्रतों की तरह इसे रखने पर भी कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

अहोई अष्टमी व्रत दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान

 

सबसे पहले करें गणेश पूजा

. अहोई अष्टमी व्रत के दिन महिलाएं खासतौर पर अहोई माता की पूजा करती है। मगर इस व्रत में सबसे पहले प्रथम पूजनीय गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इसलिए अगर आप व्रत रख रही है तो पहले गणेश जी की पूजा करें।

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चंद्रमा नहीं तारा देखकर खोला जाता व्रत

. आमतौर व्रत को चंद्रमा को अर्घ्य देकर खोला जाता है। मगर अहोई अष्टमी का व्रत तारा देखकर संपन्न हो जाता है। ऐसे में इस व्रत को महिलाओं द्वारा तारा देखकर ही खोला जाता है। इसमें शाम के समय अहोई माता की पूजा की जाती है। उसके बाद तारे निकलने पर उनकी पूजा करके व अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।

कथा सुनने से पहले करें यह काम

. मान्यता है कि अहोई अष्टमी की कथा सुनते समय हाथ में 7 तरह के अनाज रखने चाहिए। फिर पूजा पूरी होने के बाद वह अनाज गाय को खिला देना चाहिए।

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पूजा दौरान बच्चों को साथ बैठाएं

. अहोई अष्टमी का व्रत संतान प्राप्ति यानि बच्चों के लिए रखा जाता है। इसलिए पूजा करते व व्रत कथा सुनते समय बच्चों को साथ में जरूर बैठाएं। पूजा के बाद माता को भोग लगाएं। फिर उस प्रसाद को बच्चों को जरूर खिलाएं।

 

 

 


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neetu

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