जानिए क्या होती है हाई रिस्क प्रैग्नैंसी, इसके लक्षण और कारण
punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 05:34 PM (IST)
गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें प्रारंभ से ही महिला का खास ध्यान रखना पड़ता है। इस दौरान हार्मेन्स बदलाव के कारण महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। कई बार जोखिम उठान पड़ता है। इन्हीं में एक है 'हाई रिस्क प्रैग्नैंसी। इंटरनैशनल जर्नल ऑफ कम्युनिटी मैडिसिन एंड पब्लिक हैल्थ रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में लगभग 5 लाख से ज्यादा महिलाओं की मौत प्रैग्नैंसी के दौरान होती है जिनमें हाई रिक्स प्रैग्नैंसी भी एक बड़ी वजह है। भारत की बात करें तो यहां हाई रिस्क प्रैग्नैंसी की दर 20-30% है। यहां इसके कारण, लक्षण और बचाव बताए जा रहे हैं—
क्या होती है हाई रिस्क प्रैग्नैंसी
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, गर्भावस्था के समय महिलाओं को होने वाली जटिल समस्याएं जैसे- मोटापा, हाई बी.पी., डायबिटीज और एच.आई.वी.। इस दौरान बच्चा और मां दोनों को खतरा बना रहता है और महिला की गर्भवावस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता जिससे हाई रिस्क प्रैग्नैंसी की संभावना बढ़ जाती है।
कारण
हाई रिस्क प्रैग्नैंसी की कोई एक वजह नहीं। इसका कारण महिला की सेहत से जुड़ी समस्याएं हैं जैसे- बार-बार गर्भपात होना, पहली बार मां बनना, महिला की कम या ज्यादा उम्र, थायरॉइड, मोटापा, अधिक स्ट्रैस, मधुमेय, अनियमित जीवन शैली, अनहैल्दी डाइट, हाई बी.पी., एनीमिया और जुड़वा बच्चों को जन्म देना।
लक्षण
• योनी से पानी और रक्तस्राव
• कम दिखना और त्वचा पर लाल चकत्ते
• पेट में दर्द, मरोड़ और छाले
• सिर दर्द और सांस फूलना
• भ्रूण की कम गतिविधि
• सूजन और वजन बढ़ना
• लंबे समय तक तेज बुखार
• पहले हुई बीमारी का और गंभीर होना
बचाव
जालंधर की एस.जी.एल. चैरीटैबल अस्पताल की ऑबस्टेट्रीशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. नीलू खन्ना के मुताबिक हाई रिस्क प्रैग्नैंसी किसी एक वजह से नहीं होती इसलिए इसका इलाज भी गर्भावस्था के दौरान होने वाली बीमारी के अनुसार होता है। डॉक्टर्स द्वारा बताई गई दवाइयों और जीवनशैली में कुछ बदलाव जैसे- भरपूर आराम, योग-व्यायाम, समय-समय पर मैडिकल जांच, आहार में बदलाव, कैफीन का सीमित सेवन, तनाव मुक्त जीवन, संतुलित वजन और धूम्रपान बंद करके कम किया जा सकता है।
—डॉ. नीलू खन्ना