हेल्थ और हेल्दी स्किन के लिए जरुरी है Body Detoxification
punjabkesari.in Friday, Mar 13, 2020 - 12:26 PM (IST)
खुशहाल जीवन जीने के लिए धन के साथ-साथ अच्छी सेहत होना भी जरुरी है। तभी तो उस धन से खरीदी गईं चीजों का इस्तेमाल आप हंसी-खुशी के साथ कर पाएंगे। कुदरत ने हमें जीवन जीने का एक ढंग सिखाया है। अगर तो हम कुदरत के उन नियमों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करते हैं तो हमें जीवन में किसी भी सेहत संबंधित परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हमारा जो शरीर है, यह कुदरत ने हमें कुछ समय के लिए दिया है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि सही समय आने पर हम कुदरत की दी हुई चीज हम उसे ऐसे ही वापिस करें जैसे हमें यह मिली थी।
आइए आज हम जानते हैं कि इस देह यानि शरीर को हम किन-किन तरीकों से फिट बनाकर रख सकते हैं। शरीर को फिट रखने का बस एक ही तरीका है, सही समय और तरीके से इसकी साफ-सफाई। हमारे शरीर में जमा टॉक्सिंस इसकी बीमारियों की वजह बनते हैं। इन टॉक्सिंस का शरीर में से बाहर निकलना बहुत जरुरी है। मगर क्या आप जानते हैं यह टॉक्सिंस बॉडी में जमा होते क्यों हैं? आइए जानते हैं इस बारे में...
बॉडी में क्यों जमा होते हैं टॉक्सिंस?
हम जो भी खाना खाते हैं, उसे पचने में समय लगता है। हर एक भोजन को डायजेस्ट होने में विशेष समय लगता है। जैसे कि हम जो चपाती खाते हैं यानि गेंहू उसे बॉडी में पचने के लिए लगभग 18 घंटे चाहिए होते हैं। हम जो फल खाते हैं उन्हें कम से कम 3-4 घंटे लगते हैं। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपकी बॉडी में टॉक्सिंस न जमा हों तो पहला भोजन पचने के बाद ही अपने दूसरे आहार का सेवन करें।
हम जो भी भोजन करते हैं वह हमारी बॉडी में पूरे 3 सर्कल के बाद शरीर में से बाहर निकलता है। सबसे पहले भोजन हमारे पेट में जाता है, उसके बाद वह हमारी आंतों में पहुंचता है, उसके बाद वह शरीर में से बाहर निकलता है। इस सारे प्रोसेस को फॉलो करने में शरीर को एक समय लगता है। जैसा कि आपको बताया गया है कि गेंहूं को पचने में 18 घंटे लगते हैं, तो ऐसे में यदि सेवन किए हुए गेंहू के पचने से पहले ही आपने अपना अगला भोजन खा लिया, तो वह भोजन शरीर में टॉक्सिंस का रुप ले लेगा जो आगे चलकर फैट बन जाएगी। न केवल फैट बल्कि यदि आप इन टॉक्सिंस को समय रहते शरीर से बाहर नहीं निकालते, तो यह आगे चलकर गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।
आज आमतौर पर महिलाओं में रसौलियों की समस्या देखने को मिलती है। इसकी एक खास वजह बॉडी में टॉक्सिंस का जमा होना है। जब बॉडी की इंटेस्टाइन में टॉक्सिंस जमा होेने लगते हैं तो यह हार्ट ब्लॉकेज, हाई कोलेस्ट्रोल लेवल और यहां तक कैंसर जैसी समस्या की वजह बनता है। जी हां, कैंसर होने की एक खास वजह यह टॉक्सिंस ही हैं, जो समय रहते शरीर से बाहर नहीं निकलते, धीरे-धीरे शरीर में जमा होते रहते हैं और एक समय आने पर कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं।
कैसे किया जाए रिमूव?
शरीर में से टॉक्सिंस को रिमूव करना कोई खास मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए बस आपको फॉलो करने हं 3 स्टेपस। आइए जानते हैं उन स्टेपस के बारे में विस्तार से...
- उपवास यानि फास्टिंग
- ठंडी पट्टी
- एनिमा
सबसे पहले बात करते हैं उपवास यानि फास्टिंग के बारे में... भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के धार्मिक ग्रंथों में उपवास को खास एहमियत दी गई है। मगर शास्त्रों के मुताबिक हफ्ते में या महीने में एक बार ही उपवास को मान्यता प्राप्त है। मगर बॉडी को टॉक्सिंस फ्री रखने के लिए आपको हर रोज उपवास करना चाहिए। हर रोज फास्टिंग का मतलब पहला भोजन पचने के बाद ही अगले का सेवन करें। अगर आपने नाश्ते में गेंहू का परांठा खाया है तो आप दोपहर में सिर्फ फ्रूट्स या वेजिटेबल जूस का सेवन करें। ध्यान रखें कि आपको जूस कभी भी फ्रूट्स का नहीं पीना बल्कि सब्जियों का पीना है। और अगर आपने रात के वक्त डिनर में 8-9 बजे के करीब गेंहू की चपाती और सब्जी या दाल खाया है तो सुबह 12 बजे तक कुछ खाने की जरुरत नहीं है। ऐसा करने से आपकी बॉडी नेचुरल फास्टिंग कर लेगी। कोशिश करें रात का खाना 6-7 बजे तक खा लिया जाए तो बेहतर होगा। उसके बाद सुबह उठते ही सबसे पहले किसी भी एक या दो सब्जी का जूस पिएं, यह आपकी बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने का सबसे आसान तरीका है।
अब बात करते हैं ठंडी पट्टी के बारे में...
शरीर को अंदर से डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ आप बाहर से भी इसे डिटॉक्सीफाई कर सकते हैं। उसके लिए आपको चाहिए होगी 3 ठंडी पट्टियां। किसी भी मलमल के कपड़े को अपनी कमर जितना काट लें। अपनी कमर के साइज के मुताबिक और 8-9 इंच चौड़ी पट्टी काटकर ठंडे पानी में भिगो लें। ऐसी ही आपको दो पट्टियां लेनी हैं जिसे आपको अपनी गर्दन और सिर के साइज के मुताबिक काटना है। तीनों को ठंडे पानी, न ज्यादा ठंडा और न ही सादा। मलमल की पट्टियां इनमें भिगोने के बाद अच्छी तरह निचोड़ें और इन्हें अपनी कमर, गर्दन और सिर पर बांध लें।
ठंडी पट्टी के फायदे
ठंडी पट्टियों को 15-20 मिनट तक बांध कर रखें। ऐसा करने से आपके शरीर के ये तीन भाग ठंडे और बाकी के गर्म होने लगेंगे। जिससे होगा क्या कि इस तरह शरीर ठंड-गर्म होने पर खून का दौरा अच्छे से करता है। जिससे शरीर में जमा गंदगी को खून की मदद से हिलाया जा सकता है, खासतौर पर इंटेसटाइन पर जमा सारी गंदगी बहुत जल्द साफ होने लगती है और आपका शरीर डिटॉक्सीफाई होने लगता है। आप ऐसा हफ्ते में 2 से 3 बार कर सकते हैं। अगर आप इसे सुबह खाली पेट करें तो बेहतर होगा, मगर दिन में अगर कभी भी कर लें, तो उसमें कोई बुराई नहीं। इस टिप को फॉलो करने से पेट की एक्सट्रा चर्बी भी दिनों में कम हो जाएगी।
अब बात करते हैं एनिमा की...
एनिमा करने के लिए आपको मार्किट से एनिमा प्रोडक्ट मिल जाएगा। किसी भी कैमिस्ट की दुकान पर यह आसानी से मिलने वाला प्रोडक्ट है। इस प्रोड्क्ट की मदद से आप अपने रेक्टम के जरिए शरीर में से टॉक्सिंस रिमूव कर सकते हैं। एनिमा प्रोड्कट में एक जार और पाइप आपको दी जाती है, जिसमें पानी भरकर आपको उसे बाथरुम में किसी ऊंची जगह पर रखना है, खुद नीचे बैठकर आगे की तरफ झुककर पाइप को 2 इंच तक अपने रैक्टम में डालना है, जिससे पानी आपके अंदर जाएगा। पानी आपको आधे जार से ज्यादा नहीं लेना। पानी जब अंदर चला जाए तो आप खड़े हो जाएं, 2-3 मिनट तक बाथरुम में ही इधर-उधर चलें। जब प्रेशर फील हो तो यूरीन पास करें। आप देखेंगे कि यूरीन के जरिए आपके शरीर में से बाहर निकल जाएंगे।
सावधान टिप: एनिमा पद्धति सिर्फ आपको जानकारी देने के लिए बताया गया है। इसे खुद घर पर न करें। किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर यहां मसाज थेरेपी या फिर बॉडी डिटॉक्सीफाई करने का ट्रीटमेंट किया जाता है, उनके पास जाकर कुछ देर प्रेक्टिस करें उसके बाद ही इसे घर पर करने का फैंसला लें। अपने बच्चों और घर के बुजुर्गों के साथ भी खुद घर पर ट्राई न करें। हो सके तो पहले दो बताए गए टिप्स को ही फॉलो करें तो आपके लिए बेहतर होगा।