चक्कर के साथ आंखों के आगे आता है अंधेरा तो वजह नसों की कमजोरी, जानिए इलाज

punjabkesari.in Tuesday, Oct 20, 2020 - 05:28 PM (IST)

आप सामान रख कर कहीं भूल जाते हैं... आपको याद नहीं आता कि आपके कुछ देर पहले क्या बात की थी... आपको चक्कर आते हैं और कई बार आंखों के आगे अंधेरा... तो यह सारे लक्षण आपको नसों में कमजोरी होने के हैं।

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जी हां, अगर आप खुद को सेहतमंद रखना चाहते हैं तो आपका नर्वस सिस्टम मजबूत होना बहुत जरूरी है क्योंकि आपके शरीर में नसें सबसे महत्वपूर्ण अंग है जो पूरी बॉडी को रक्त संचारित करती हैं। पूरे शरीर में यह अलग अलग अंगों से होकर गुजरती है और जब कोई अंग कमजोर होता है तो इससे नसों में भी कमजोरी आनी शुरू हो जाती है जो कई रोगों का कारण बन सकती है इसलिए समय रहते इस और ध्यान देना बहुत जरूरी है।

पहले जानिए नसों में कमजोरी होती क्यों है?

1. नसों पर किसी तरह का आघात, जिससे दर्द और सूजन आना, किसी नर्व सेल्स पर ट्यूमर का विकास होना, विषैले पदार्थों का नसों में प्रभाव या दवाब बढ़ना।
 2. दूसरी वजह आपके शरीर में पोषण की कमी हो गई है आपको लाइफस्टाइल संबंधी समस्या जैसे तंत्रिका तंत्र में कमजोरी, खान-पान अच्छा ना होना।
3. बैक्टीरिया इंफेक्शन, वायरस इंफैक्शन या ऐसी दवाइयां जो नसों को नुकसान पहुंचाती हैं या फिर जन्म से ही कोई समस्या होना है।

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कमजोरी होने का सबसे बड़ा संकेत

. सबसे बड़ा संकेत याद्दाश्त कम होना और चक्कर आना है क्योंकि बॉडी में खून सही से प्रवाह नहीं हो पाता जिससे उठते-बैठते समय आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है। सूंघने, देखने, सुनने, स्वाद लेने या स्पर्श अनुभव की शक्ति कमजोर होने लगती है। मांसपेशियों में कमजोरी और कंपकंपी होती है।

. और जब नसें कमजोर होने लगे तो दवाब के चलते साइटिका की परेशानी हो सकती हैं। इसमें नसे खिंची जाती हैं और दर्द होता है जो कूल्हों और जांघों के पिछले हिस्से से शुरु होती है।

. नसों की कमजोरी मल्टीपल स्क्लेरोसिस का भी कारण बन सकती है। ऐसी बीमारी जो रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को प्रभावित करती है। यह एक ऑटोम्यून्यून बीमारी है।

. व्यक्ति बेल्स पाल्सी का शिकार हो सकता है जिसमें चेहरे के एक तरफ की नसों में सूजन आ जाती है। इससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

. ब्रेन टिश्यू के हिस्से पर खून के थक्के बनने से स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।

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अब जानिए नसों की कमजोरी दूर कैसे करनी हैं

1. विटामिन, मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त चीजों का भरपूर सेवन करें।

2. सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों व नसों के बीच के संतुलन को बेहतर बनाता है। सेंधे नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट भी पाया जाता है।

3. सेंधा नमक वाले पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी भी दूर होती हैं और शरीर को ताजगी मिलती है।

4. अश्वगंधा और कैमोमाइल-टी भी फायदेमंद है।

5. डाइट को हैल्दी रखें नट्स, हरी सब्जियां और फल ज्यादा लें। दूध पीएं। हल्का फुल्का व्यायाम सैर और योग जरूर करें।

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Content Writer

Vandana

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