Kiara Advani की 33 में प्रेग्नेंसी, Late Pregnancy के खतरों से जूझने के लिए क्या करें?

punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 10:56 AM (IST)

 नारी डेस्क: अभिनेत्री कियारा आडवाणी ने हाल ही में अपनी प्रेग्नेंसी की घोषणा की है। कियारा 33 साल की हैं और इस उम्र में प्रेग्नेंसी को "लेट प्रेग्नेंसी" माना जाता है। इस उम्र में गर्भधारण करना आसान नहीं होता, क्योंकि इसमें कई स्वास्थ्य संबंधी जोखिम हो सकते हैं। कियारा की तरह कई महिलाएं  परिवार बढ़ाने की योजना बनाती हैं, लेकिन इस उम्र में गर्भधारण करने के साथ कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। आइए जानते हैं इस उम्र में प्रेग्नेंसी के साथ आने वाली परेशानियां और उन पर कैसे काबू पाया जा सकता है, इसके बारे में।

कंसीव करने की उम्र में अंतर

पहले की तुलना में अब महिलाएं ज्यादा उम्र में गर्भधारण करने का चुनाव कर रही हैं। आजकल महिलाएं 30 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी की योजना बनाती हैं, जबकि 35 साल को गर्भधारण के लिए एडवांस स्टेज माना जाता है।

PunjabKesari

प्रीक्लेम्पसिया का खतरा

लेट प्रेग्नेंसी में महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया (हाई ब्लड प्रेशर और यूरिन में प्रोटीन का आना) का खतरा ज्यादा होता है। यह एक गंभीर स्थिति है, जो गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। खासकर 40 साल से ऊपर की उम्र में इसका खतरा बढ़ जाता है।

एग की क्वालिटी और क्वांटिटी

30 की उम्र तक आते-आते महिलाओं के शरीर में एग की क्वांटिटी और क्वालिटी घटने लगती है। इस वजह से गर्भधारण में समस्या हो सकती है, क्योंकि उम्रदराज महिलाओं के एग प्रेग्नेंसी के लिए तैयार नहीं होते।

PunjabKesari

गैस्टेशनल डायबिटीज का खतरा

लेट प्रेग्नेंसी में गैस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। यह डायबिटीज केवल प्रेग्नेंसी के दौरान होती है और 30 के बाद की महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है। हालांकि, यह डाइट और फिजिकल एक्टिविटी से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इलाज न होने पर इससे बच्चे की बढ़त पर असर पड़ सकता है और डिलीवरी के दौरान जटिलताएं हो सकती हैं।

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

लेट प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी सामान्य है। इस वजह से मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर पड़ सकता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करना बहुत जरूरी है।

PunjabKesari

सी-सेक्शन की संभावना

लेट प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं को समय से पहले सी-सेक्शन की जरूरत भी पड़ सकती है, ताकि किसी भी तरह की जटिलताओं से बचा जा सके। इसके अलावा, प्लासेंटा प्रिविया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसमें प्लासेंटा सर्विक्स को ब्लॉक कर देता है, जिससे सामान्य डिलीवरी मुश्किल हो सकती है।

बच्चे को डाउन सिंड्रोम का खतरा

लेट प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में बच्चे को डाउन सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, 35 साल के ऊपर की उम्र में मृत प्रसव और गर्भपात जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

लेट प्रेग्नेंसी के खतरों से बचने के लिए सावधानियां

30 के बाद प्रेग्नेंसी की योजना बनाने वाली महिलाओं को इन जोखिमों से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए

PunjabKesari

ब्लड शुगर लेवल चेक करें – यदि आपको डायबिटीज है, तो अपने ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से चेक करें।

प्रेग्नेंसी विटामिन लें – फोलिक एसिड और प्रीनटल विटामिन्स का सेवन जरूर करें, जो बच्चे के विकास के लिए जरूरी हैं।

स्मोकिंग और शराब से दूर रहें – इन आदतों से बचें, क्योंकि ये प्रेग्नेंसी में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।

व्यायाम और हेल्दी डाइट लें – नियमित व्यायाम करें और फल, सब्जियां, लीन मीट और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।

हेल्दी वेट रेंज – अपनी हेल्थ के लिए हेल्दी वेट रेंज बनाए रखें।

इस तरह, 30 के बाद की प्रेग्नेंसी को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए सावधानी और सही देखभाल की आवश्यकता होती है। कियारा आडवाणी जैसी महिलाओं को इन जोखिमों को समझते हुए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
 

 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static