ससुराल में रह कर यूं रखें अपने पेरेंट्स का ध्यान

punjabkesari.in Wednesday, Aug 26, 2020 - 12:15 PM (IST)

शादी के बाद महिलाओं की जिंदगी काफी हद तक बदल जाती है। जहां ससुराल में एडजेस्टमेंट करने में उसे थोड़ा समय लगता है, वहीं अपने पेरेंट्स को अकेले छोड़ने में लड़की को बेहद दुख का अहसास भी होता है। ऐसे में बहुत सी लड़कियां अपने ससुराल को संभालने में इतनी बिजी हो जाती है कि अपने पेरेंट्स से कई दिनों तक मिल ही नहीं पाती है। मगर ऐसा जरूरी नहीं कि पेरेंट्स को संभालने या उनका ध्यान रखने की जिम्मेदारी सिर्फ बेटे की ही होती है। अगर लड़कियां अपने ससुराल में हर काम कर सकती है तो वे अपने पेरेंट्स के लिए भी हर समय खड़ी हो सकती है। ऐसे में दुखी होने की जगह बस कुछ छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखकर ससुराल वालों और पेरेंट्स के साथ तालमेल बनाया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं उन बातों के बारे में...

खुद को परफेक्ट बनाने में इन बातों का रखें ध्यान

अक्सर लड़कियां शादी के बाद ससुराल में खुद को परफेक्ट साबित करने में लगी रहती है। वे ससुराल वालों और घर को संंभालने में ही व्यस्त रहती है। ऐसे में महिलाएं अपने माता- पिता की ओर ध्यान नहीं दे पाती है। कई दिनों तक उनसे मिलने की जगह सिर्फ फोन पर बात करके ही काम चलाती है। मगर इसतरह खुद को एकदम परफेक्ट बनाने के चक्कर में वे अपने पेरेंट्स के लिए समय नहीं निकाल पाती है जो कि गलत है। ऐसे में उसे अपने कामों को थोड़ा अलग कर अपने पेरेंट्स के प्रति भी अपनी जिम्मेवारी को निभाना चाहिए। 

खुद को बदलने की कोशिश न करें

ससुराल में अपने कर्तव्य निभाते- निभाते खुद को न बदलें। आपको अपनी खुशी और जरूरतों को भी देखना चाहिए। ऐसे में ससुराल को संभालने के साथ अपने पेरेंट्स की खुशियों का भी ध्यान रखें। उनको भी अपनी जिम्मेदारी समझ उनका अच्छे से ध्यान रखें। 

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अपनी जिम्मेदारियों को न भूलें

ससुराल में कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। मगर इसका मतलब यह नहींं कि आप अपने पेरेट्स को भूल जाए। ऐसे में आपको अपने लिए कुछ सीमाएं बनानी होगी। बहुत बार हो सकता है कि आपको किसी जरूरी काम से ससुराल को छोड़ अपने माता- पिता के घर जाना पड़े। इसीलिए अपनी जरूरतों और जिम्मेदारियों को अच्छे से समझे। अपने ससुराल वालों के साथ पहले से इस बारे में बात करें ताकि घर में कोई परेशानी न हो सके। 

कुछ बातों पर ध्यान न देने की कोशिश करनी होगी

ऐसा जरूरी नहीं हैं कि आपको हर चीज सही और आपके मुताबिक मिले। ऐसे में छोटी- छोटी बातों को दिल से न लगाए। हो सकता है कि कभी आपको बिना मतलब की बातें सुनने को मिले। मगर इस दौरान बात को दिल से लगाने की जगह उसे नजरअंदाज करने की कोशिश करें। साथ ही इन बात को अपने मन में न लाए कि आप अपने ससुराल और पेरेंट्स का अच्छे से ध्यान रख पाएगी या नहीं। अपने मन से नेगेटिविटी को दूर कर पूरी लगन से अपने ससुराल और पेरेंट्स को संभालने के बीच तालमेल बनाने की कोशिश करें।

सबके साथ रखें प्यार भरा रिश्ता

आपको अपनी फैमिली के साथ प्यार भरा रिश्ता बनाकर रखना चाहिए। आपको इस बात का सब को हमेशा अहसास दिलाते रहना चाहिए आप उनकी कितनी इज्जत करते हैं। ऐसे में आप अपने पति और ससुराल वालों को बिना को खुश रखने के साथ अपने माता- पिता का भी अच्छे से ध्यान रख पाएगी। 

हर बात पर त्याग करने की जरूरत नहीं

महिला को हमेशा से ही त्याग की मूर्ति कहा जाता है। मगर इसका मतलब अपने पेरेंट्स को त्याग देना नहीं होता है। आपको अपने ससुराल के साथ अपने पेरेंट्स को भी पूरा समय देना होगा। ऐसे में आपको अपने ससुराल और पेरेंट्स के साथ अपने संबंधों में तालमेल बनाने की कोशिश करें। इसके लिए आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि ससुराल में कोई ऐसा काम तो नहीं जो आपके बिना पूरा नहीं हो सकता है। ऐसे में उन सब चीजों का ध्यान रखते हुए अपने पेरेंट्स के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाए। हां अगर कहीं कोई ज्यादा ही जरूरी काम है तो अपने ससुराल वालों से बातकर अपने पेरेंट्स के पास पहुंच जाए। 

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आत्मविश्वास रखें

किसी भी काम को करने के लिए महिलाओं को खुद पर आत्मविश्वास बनाए रखने की जरूरत होती है। तभी वे अपने ससुराल और पेरेंट्स को संभालने के लिए अच्छे से तालमेल बना कर रख सकती है। 

बात करें

किसी भी परेशानी का हल शांति से बैठकर बात करने से निकल जाता है। ऐसे में कभी भी बात जो आपके रिश्तों में खटास डालने की कोशिश कर रही हो उसे अपनी फैमिली के साथ शेयर करें। ऐसे में पूरे आत्मविश्वासे के साथ अपने पति और ससुराल वालों से बात करें उन्हें अपने दिल की बात बताए। साथ ही उनके मन की बात को भी जानने और समझने में ध्यान दें। उनकी बात सुनने के साथ अपनी बातों पर भी पूरा ध्यान दिलवाए। 

इन बातों का भी रखें ध्यान 

- ऐसा जरूरी नहीं कि महिला अपने पेरेंट्स को अकेले छोड़ दें। 
- अपने ससुराल वालों के साथ पेरेंट्स का भी अच्छे से ख्याल रखें। 
- आपको आपके पेरेंट्स ने उसी तरह पाला है जैसे कि आपके पति को उनके माता- पिता बड़ा किया है। 
- अपने पेरेट्स से मिलने के लिए समय तय करें। ताकि उनको आपकी कमी महसूस न हो। 


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neetu

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