कश्मीर के अखबारों ने काला किया फ्रंट पेज, पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 01:39 PM (IST)

नारी डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित बैसरन, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है, मंगलवार को एक भयानक आतंकी हमले का गवाह बना। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस दिल दहला देने वाली घटना के विरोध में बुधवार को कश्मीर के प्रमुख अखबारों ने अनोखा और प्रभावशाली कदम उठाया।
अखबारों ने पहले पन्ने को किया काला, शीर्षक सफेद और लाल रंग में
'ग्रेटर कश्मीर', 'राइजिंग कश्मीर', 'कश्मीर उजमा', 'आफ़ताब' और 'तैमील इरशाद' जैसे प्रमुख अखबारों ने अपने पहले पन्ने को पूरी तरह काले रंग में प्रकाशित किया। इन अखबारों ने सफेद या लाल रंग में बड़े और संवेदनशील शीर्षक छापे, जो इस बर्बर कृत्य के खिलाफ सामूहिक शोक और आक्रोश को दर्शाते हैं।
‘ग्रेटर कश्मीर’ ने काले पृष्ठ पर सफेद अक्षरों में लिखा: "Gruesome: Kashmir Gutted, Kashmiris Grieving"
इसके ठीक नीचे लाल रंग में लिखा गया: "26 Killed in Deadly Terror Attack in Pahalgam"
इस अखबार ने अपने संपादकीय में शीर्षक दिया: "The Massacre in the Meadow – Protect Kashmir's Soul" (घास के मैदान में नरसंहार – कश्मीर की आत्मा की रक्षा करें)
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कश्मीर की आत्मा को झकझोर देने वाला हमला
संपादकीय में कहा गया है कि यह हमला न केवल निर्दोष पर्यटकों पर था, बल्कि यह कश्मीर की पहचान, उसके आतिथ्य, अर्थव्यवस्था और अमन पर एक सीधा हमला था।
लेख में लिखा है कि यह क्षेत्र एक बार फिर "धरती पर स्वर्ग" की छवि को बहाल करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन यह हमला उस प्रयास पर गहरी चोट है।
"कश्मीर की आत्मा इस क्रूरता की कड़ी निंदा करती है और उन परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करती है, जो यहां खूबसूरती की तलाश में आए थे लेकिन बदले में उन्हें त्रासदी का सामना करना पड़ा।"
भीड़भाड़ और कठिन पहुंच वाले स्थानों पर भी हो सकते हैं हमले
लेख में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि आतंकवादी अब उन स्थानों को भी निशाना बना सकते हैं जो आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं — जैसे जहां सिर्फ पैदल या खच्चर के ज़रिए पहुंचा जा सकता है।
सुरक्षा बढ़ाने और एकजुटता का आह्वान
'ग्रेटर कश्मीर' ने सुझाव दिया कि अब समय है जब सभी एजेंसियों के बीच बेहतर खुफिया जानकारी साझा करने और आपसी समन्वय को मजबूत करने की जरूरत है। इसके अलावा अखबार ने स्थानीय समुदायों को जोड़ने, सतर्कता बढ़ाने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की अपील की। "हिंसा के खिलाफ एकजुट होने का समय है"
अखबार ने लिखा: "कश्मीरियों ने वर्षों से हिंसा झेली है, लेकिन वे कभी टूटे नहीं। अब समय है कि हम आतंक के खिलाफ एकजुट हों। सरकार, सेना, नागरिक संस्थाएं और आम लोग – सभी को मिलकर एक साझा मोर्चा बनाना चाहिए।"
"हम केवल अपने दृढ़ संकल्प से ही कश्मीर के आने वाले कल की रक्षा कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करना होगा कि पहलगाम की घाटियां फिर से गोलियों की नहीं, हंसी और खुशियों की आवाज़ से गूंजें। कश्मीर को शांति और समृद्धि का प्रतीक बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।"