करवा चौथ की अभी नहीं की है शॉपिंग, तो पहले जान लें व्रत में कौन सा रंग पहनना होता है शुभ
punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 09:04 AM (IST)
नारी डेस्क: करवा चौथ का पर्व पति और पत्नी के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाता है। सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व से भरपूर इस पर्व से जुड़े कई रीति-रिवाज बनाए गए हैं जिनका पालन विधि-विधान से किया जाता है। करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा जाता है, और इस दिन महिलाएं खासतौर पर सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दौरान कुछ विशेष रंगों का खास महत्व होता है, और कुछ रंगों को पहनने से बचने की भी सलाह दी जाती है। चलिए जानते हैं करवा चौथ पर कौन सा रंग शुभ माना जाता है और कौन से रंगों को पहनने से बचना चाहिए।
करवा चौथ पर कौन से रंग पहनने चाहिए
लाल रंग: लाल रंग को करवा चौथ पर सबसे शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह रंग प्रेम, समर्पण, और शुभता का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में लाल रंग को सुहाग और वैवाहिक जीवन के लिए खास माना जाता है, इसलिए अधिकांश महिलाएं इस दिन लाल रंग की साड़ी, लहंगा या सूट पहनना पसंद करती हैं।
गुलाबी रंग: गुलाबी रंग भी शुभ माना जाता है क्योंकि यह प्रेम और आनंद का प्रतीक है। यह रंग करवा चौथ पर लाल रंग का एक अच्छा विकल्प हो सकता है, खासकर यदि आप हल्का और खुशमिजाज लुक चाहती हैं।
सुनहरा (गोल्डन) रंग: सुनहरा रंग समृद्धि और शान का प्रतीक है। यह रंग भी करवा चौथ पर बेहद शुभ माना जाता है, खासकर अगर इसे लाल या गुलाबी रंग के साथ मिलाकर पहना जाए।
पीला रंग: पीला रंग भी शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। यह रंग करवा चौथ पर सकारात्मकता और ऊर्जा को दर्शाता है, इसलिए आप इसे पहन सकती हैं।
करवा चौथ पर कौन से रंग नहीं पहनने चाहिए
काला रंग: काला रंग करवा चौथ जैसे शुभ अवसरों पर पहनने से बचना चाहिए। भारतीय संस्कृति में काले रंग को अशुभ और नकारात्मकता से जुड़ा माना जाता है। इसलिए इस दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहने जाते।
सफेद रंग: सफेद रंग को भारतीय परंपरा में शांति और त्याग का प्रतीक माना जाता है, लेकिन करवा चौथ जैसे सुहाग के त्योहार पर इसे पहनना शुभ नहीं माना जाता। यह रंग आमतौर पर शोक के अवसरों से जुड़ा होता है, इसलिए इस दिन सफेद रंग से बचना चाहिए।
भूरे या धूसर (ग्रे) रंग: - भूरे और धूसर रंगों को भी उत्सवों के लिए कम शुभ माना जाता है। इन रंगों का चयन करवा चौथ पर करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये उदासी या नीरसता का प्रतीक माने जाते हैं।