कार्तिक मास में ना खाएं ये चीजें, सेहत को हो सकता है नुकसान
punjabkesari.in Monday, Oct 25, 2021 - 10:41 AM (IST)
कार्तिक मास शुरु हो चुका है। हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में एक साथ कई त्योहार आने से इसे धर्म मास और पर्व मास भी कहा जाता है। मगर कार्तिक का यह माह धार्मिक के साथ सेहत से संबंध रखता है। दरअसल इस दौरान मौसम में बदलाव आने लगता है। ऐसे में इस मौसम में बीमारियों की चपेट में आने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए इस दौरान धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टी से कुछ चीजें खाने से परहेज रखना चाहिए। चलिए आज हम आपको इन चीजों के बारे में बताते हैं...
दही
कार्तिक मास दौरान दही व मट्ठा खाने से बचना चाहिए। शास्त्रों में इस महीने दही खाने की मनाही होती है। दूसरी ओर मौसम में बदलाव आने से इस दौरान दही खाने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो सकती है। इसके साथ ही गला दर्द, खराश, सर्दी-जुकाम आदि होने का खतरा रहता है।
मछली
कार्तिक के शुभ महीने में मछली खाने से भी परहेज रखना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो भगवान विष्णु ने सबसे पहले मत्स्य यानि मछली का अवतार लिया था। ऐसे में माना जाता है कि श्रीहरि मछली अवतार में जल में वास करते हैं। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो इस समय नदियों में बारिश व बाढ़ के कारण जल दूषित हो जाता है। इसलिए इस दौरान मछली खाने से सेहत को नुकसान हो सकता है।
बैंगन
इस दौरान बैंगन खाने से भी बचना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से बैंगन को अशुद्ध सब्जी माना जाता है। दूसरी ओर इस मौसम में इसे खाने से पित्तदोष संबंधी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में इसे ना खाने में ही भलाई है।
करेला
करेला भले ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। मगर कार्तिक का महीना भगवान विष्णु की आराधना का मास माना जाता है। इसलिए इस दौरान तीखे, तिक्त और चटपटे खाने से परहेज रखना चाहिए। करेला तिक्त भोजन माना जाता है। ऐसे में इसे न खाएं।
दाल
कार्तिक मास में कुछ दालों को खाने से परहेज रखना चाहिए। एक्सपर्ट अनुसार इस दौरान मौसम में बदलाव आने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी व पेट से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा रहता है। इसलिए इस महीने खासतौर चने और अरहर की दाल खाने से बचना चाहिए।