कम उम्र की लड़कियां में बढ़ रहा कोरियन ग्लास स्किन ट्रेंड, डॉक्टरों ने दी चेतावनी
punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 05:17 PM (IST)

नारी डेस्क : बढ़ती उम्र के साथ लड़कियों में अपने लुक्स और पर्सनैलिटी को लेकर जागरूकता बढ़ जाती है। खासकर 10 से 15 साल की उम्र की लड़कियां आजकल जल्दी जवान और ग्लोइंग दिखने की चाह में कोरियन ब्यूटी ट्रेंड अपना रही हैं। कोरियन ड्रामे, के-पॉप स्टार्स और सोशल मीडिया पर दिखने वाली “ग्लास स्किन” यानी पोर्स-लेस, चमकदार और फ्लॉलेस स्किन पाने की चाह ने नाबालिग लड़कियों को स्किनकेयर का दीवाना बना दिया है। कोरियन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल स्किन को नुकसान पहुंचा रहा है।
बच्चे कर रहे हैं एक्सपेरिमेंट
कई GenZ (कम उम्र की लड़कियां) तरह-तरह के सीरम, क्रीम और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये लड़कियां रात को 10-स्टेप स्किनकेयर रूटीन फॉलो कर रही हैं, जिसमें क्लेंज़र, टोनर, सीरम, एसेंस, फेस ऑयल और मॉइश्चराइजर जैसे कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं। सोशल मीडिया पर स्किनकेयर वीडियो देखकर बच्चे नई-नई चीजें ट्राय करते हैं और ऑनलाइन महंगे प्रोडक्ट्स मंगवा लेते हैं। कई बार वे दोस्तों से प्रेरित होकर खुद ही महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने लगते हैं।
माता-पिता की बढ़ी चिंता
कई माता-पिता का कहना है कि वे बच्चों को समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन सोशल मीडिया का प्रभाव इतना ज्यादा है कि बच्चे उनकी बात नहीं मानते। दिल्ली की एक मां ने बताया कि उनकी 12 साल की बेटी रोजाना स्किनकेयर रूटीन करती है और महंगे सीरम व क्रीम की डिमांड करती है। शुरुआत में यह सिर्फ शौक लगा था, लेकिन अब यह उसकी आदत बन गई है। माता-पिता को डर है कि इतनी कम उम्र में केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल उनकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है।
डॉक्टरों की चेतावनी
त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि 10 से 15 साल की उम्र के बच्चों की स्किन नैचुरली हेल्दी और ग्लोइंग होती है, उन्हें इतने सारे प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं होती। बार-बार केमिकल्स के इस्तेमाल से स्किन पर रैशेज, एलर्जी, पिग्मेंटेशन, एक्ने और समय से पहले एजिंग के लक्षण दिख सकते हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि इस उम्र में सिर्फ हल्की क्लेंजिंग और सनस्क्रीन का इस्तेमाल ही पर्याप्त है।
ब्रांड्स और सोशल मीडिया का असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक बड़े-बड़े कॉस्मेटिक ब्रांड्स अब 10-12 साल के बच्चों को टारगेट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #GlassSkin और #KBeauty जैसे हैशटैग्स बच्चों को और आकर्षित कर रहे हैं। ब्रांड्स रंगीन पैकेजिंग और ग्लॉसी विज्ञापनों के जरिए बच्चों को लुभाते हैं, जिससे वे आसानी से प्रभावित होकर महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने लगते हैं।
असली ग्लो नैचुरल केयर में है
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की त्वचा नैचुरली बहुत सॉफ्ट और ग्लोइंग होती है। उसे अतिरिक्त केमिकल्स की जरूरत नहीं है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, नींद और सन प्रोटेक्शन से ही स्किन को स्वस्थ रखा जा सकता है। ग्लास स्किन जैसी परफेक्शन की चाहत में पड़कर बच्चे अपनी स्किन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को समझाएं कि असली खूबसूरती नैचुरल केयर में है, न कि महंगे प्रोडक्ट्स में।
कम उम्र में ज्यादा स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। बच्चों के लिए नैचुरल केयर, हेल्दी डाइट और सनस्क्रीन ही काफी है। असली खूबसूरती नैचुरल स्किन में ही है।