बचपन में भीख मांगकर भरते थे पेट, बिग बी की वजह से कादर खान के करियर पर लगने वाला था फुल स्टॉप
punjabkesari.in Friday, Oct 23, 2020 - 04:48 PM (IST)
बॉलीवुड के वेटरन एक्टर कादर खान ने फिल्मों में कॉमेडियन और विलेन दोनों का किरदार निभाया। कादर खान ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया, जिसमें से 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग्स भी लिखे। साल 2018 में कादर खान इस दुनिया को अलविदा कह गए। कादर खान इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा करीब महानायक अमिताभ बच्चन के थे हालांकि बिग बी के कारण उनके हाथ से कई फिल्में भी चली गई।
अमिताभ बच्चन की वजह से नहीं मिली कई फिल्में
एक इंटरव्यू में कादर खान ने अपने फिल्मी करियर के बारे में बात की थी। उन्होंने अपने करीबी दोस्त अमिताभ बच्चन को 'सर जी' न कहने पर फिल्मों के हाथ से निकल जाने का किस्सा भी बताया था। कादर खान ने बताया था कि वह अमिताभ बच्चन को अमित कहते थे। एक बार एक साउथ के फिल्म प्रॉड्यूसर ने कादर खान से पूछा कि क्या वह 'सर जी' से मिले हैं। पूछने पर पता चला कि प्रड्यूसर अमिताभ बच्चन के बारे में बात कर रहा है। कादर खान ने आगे कहा कि इसके बाद हर कोई अमिताभ को 'सर जी' कहने लगालेकिन कादर खान ने अमिताभ को सर जी नहीं कहा जिसकी वजह से उनके हाथों से कई फिल्में निकल गई। बता दें कि कादर खान ने अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्मों में काम किया।
एक बार कादर खान के बेटे सरफराज खान ने कहा था, 'मेरे पिता एक व्यक्ति से सबसे ज्यादा प्यार करते थे वह बच्चन साहब (अमिताभ बच्चन) थे। मैं अपने पिता से पूछता था कि वह फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा किसे मिस करते हैं इस पर उनका जवाब बच्चन साब होता था। मुझे पता है कि दोनों तरफ से यह प्यार था।'
गरीबी में बिता बचपन
कादर खान ने इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बनाई थी लेकिन इसके पीछे उनका कड़ा संघर्ष छिपा था। बता दें कि कादर खान से पहले उनकी फैमिली में 3 बेटे हुए लेकिन सभी की 8 साल की उम्र में मौत हो गई थी। जब कादर खान का जन्म हुआ तो उनकी मां को इस बात का डर था कि कही उनका यह बेटा भी उन्हें छोड़ कर ना चला जाए। उनकी मां उन्हें अफगानिस्तान से भारत ले आई। फिर वो मुंबई आकर बस गए।
कादर खान एक साल के ही थे कि उनकी माता-पिता अलग हो गए। बचपन में कादर खान एक मस्जिद पर जाकर भीख मांगते थे और जो पैसे मिलते उससे घर का चूल्हा जलता था। एक इंटरव्यू में कादर ने खुलासा किया था कि हफ्ते में तीन दिन वे और उनकी मां खाली पेट ही सोते थे। छोटी सी उम्र में कादर खान ने काम करने के बारे में सोचा लेकिन उनकी मां ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि तू अपनी पढ़ाई पूरी कर बाकि मुसीबतें मैं खुद झेल लूंगी। जिसके बाद उनका स्कूल में दाखिला हुआ। बचपन से ही कादर खान को एक्टिंग का शौक था। वे कब्रिस्तान में जाकर दो कब्रों के बीच बैठ खुद से बातें करते हुए फिल्मी डायालॅग्स बोलते थे। उस वक्त एक शख्स दीवार के पास खड़े होकर उनको देखते थे। वो शख्स थे अशरफ खान। उस जमाने में वो ड्रामा कर रहे थे और उस वक्त उन्हें अपने नाटक के लिए एक बच्चे की जरूरत थी और उन्होंने कादर को नाटक में काम दिया।
एक्टिंग के साथ-साथ कादर खान पढ़ाई में भी काफी होशियार थे। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। यही नहीं वह मुंबई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर थे।
दिलीप कुमार ने दिया था फिल्म का ऑफर
एक दिन कादर खान को कॉलेज में दिलीप कुमार का फोन आया। उन्होंने कादर खान से इच्छा जताई कि वे उनका ड्रामा देखना चाहते हैं। कादर ने उनके सामने दो कंडीशन रखीं। पहली यह कि वह ड्रामा शुरू होने से बीस मिनट पहले आएंगे और दूसरी कि उन्हें यह प्ले पूरा देखना होगा। प्ले देखकर दिलीप कुमार इतना इंप्रेस हुए कि उन्होंने कादर को दो फिल्मों में साइन किया। 1973 में उन्होंने यश चोपड़ा की फिल्म ‘दाग’ से करियर की शुरुआत की। उन्होंने कई फिल्में करने के साथ-साथ कहानियां भी लिखी।
भले ही कादर खान अब हमारे बीच में नहीं है लेकिन अपनी एक्टिंग के कारण वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।