जया भट्टाचार्या ने खोला दर्द का राज...मां चाहती थीं बेटा, ‘मुझे कभी बेटी नहीं माना’
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 05:54 PM (IST)

नारी डेस्क: टेलीविजन की जानी-मानी एक्ट्रेस जया भट्टाचार्या ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी के सबसे तकलीफदेह और निजी पहलू का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनका अपनी मां से रिश्ता बेहद मुश्किलों भरा और भावनात्मक रूप से तकलीफदेह रहा है।
जया ने कहा कि उनकी मां उन्हें कभी नहीं चाहती थीं, बल्कि हमेशा चाहती थीं कि उन्हें बेटा हो। यही नहीं, उनकी मां उन्हें मारती-पीटती थीं, ताने मारती थीं और दूसरों के सामने उनकी बुराई करती थीं। उन्होंने ये भी बताया कि मां उनके हाथ से खाना नहीं खाती थीं और उनसे कोई आत्मीय रिश्ता नहीं था।
बचपन से सहना पड़ा मार और तिरस्कार
जया भट्टाचार्या ने इंटरव्यू में बताया कि बचपन में उन्हें डंडे, बेलन, चिमटे, जूते और झाड़ू से मारा जाता था। यहां तक कि सड़सी (चिमटा) से भी उन्हें पीटा गया। उन्होंने खुद को “ढीठ” कहा और कहा कि इतना सहने के बाद भी वो झुकती नहीं थीं, बल्कि और मजबूत हो गई थीं। उनका कहना था, "मैंने बहुत कुछ झेला है, लेकिन अपनी मां से जो सीखा – वो ये कि मुझे ऐसा इंसान नहीं बनना है। मैं अपनी मां से नाराज थी, लेकिन अब उन्हें माफ कर चुकी हूं।"
"मां ने कहा- मैं तुमसे नफरत करती हूं"
इस बातचीत में सबसे भावनात्मक पल तब आया जब जया ने अपनी मां से हुई आखिरी बातचीत का जिक्र किया। उनकी मां बीमार थीं और अस्पताल में भर्ती थीं। जया ने बताया, "उन्होंने मुझसे कहा – 'तुमने मुझे हॉस्पिटल में डालकर मेरी बॉडी खराब कर दी। मुझे तुमसे कोई प्यार नहीं था। मैं तुमसे नफरत करती थी।'" यह सुनकर जया बेहद हैरान और आहत हुईं, क्योंकि उन्होंने हमेशा अपनी मां की देखभाल की थी और उनकी सेहत के लिए हर संभव कोशिश की थी।
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मां को चाहिए था बेटा, बेटी को अपनाया नहीं
जया ने यह भी बताया कि उनकी मां हमेशा कहती थीं कि 'तुमने मेरी बॉडी खराब कर दी'। जब जया ने अपनी दोस्त से यह बात साझा की तो दोस्त ने पूछा – "क्या ये बात तुम्हारे जन्म के समय की है?" तब जया को एहसास हुआ कि शायद मां ने उन्हें जन्म देने के बाद से ही स्वीकार नहीं किया था। उनकी मां अक्सर लड़कों को देखकर जया से कहतीं – "इससे शादी कर लो और मेरी देखभाल करना।" क्योंकि उन्हें एक बेटा चाहिए था, जो उनका सहारा बन सके। जया ने बताया कि उनकी मां कभी उन्हें अपने हाथ से खाना नहीं देती थीं, और उनके प्रति किसी तरह का भावनात्मक जुड़ाव नहीं था।
पिता के साथ भी दोस्ताना रिश्ता नहीं था
हालांकि जया ने बताया कि उनके पिता के साथ रिश्ते थोड़े बेहतर थे, लेकिन उनमें भी दोस्ती जैसा अपनापन नहीं था। जया के मुताबिक, उन्होंने एक ऐसे घर में परवरिश पाई, जहां भावनात्मक समर्थन और समझदारी की कमी थी।
समाज की बातें और अकेलापन
जब जया ने टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा, तो कई लोगों ने उनके बारे में गलत बातें फैलानी शुरू कर दीं। समाज में यह धारणा थी कि टीवी या फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली लड़कियां "खराब" होती हैं। जया को इस बात का सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उनकी मां भी उन लोगों की बातों में सहमति जताती थीं। उनकी मां कहती थीं, "हां, मेरी बेटी खराब है।" जबकि जया बताती हैं कि वह हमेशा शर्मीली थीं, कभी अकेले कहीं नहीं गईं और उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ रहते थे।
स्कूल के लड़के ने किया पीछा, लेकिन नहीं की बात
जया ने यह भी शेयर किया कि स्कूल के समय में एक लड़का ढाई साल तक उनका पीछा करता रहा, लेकिन उन्होंने उससे कभी बात नहीं की। वो नहीं चाहती थीं कि उनके पापा को शर्मिंदा होना पड़े या वे गुस्से में आकर किसी को नुकसान पहुंचा दें। जया ने बताया कि उन्हें एक और लड़का पसंद था, लेकिन डर के कारण उन्होंने उससे भी कभी कुछ नहीं कहा।
अब बेजुबान जानवरों के लिए जया की जिंदगी
हालांकि जया ने कभी शादी नहीं की, लेकिन आज वे बेजुबान जानवरों की सेवा में लगी रहती हैं और यही उनके जीवन का मकसद बन गया है। वह लगातार अनाथ और घायल जानवरों की मदद करती हैं और समाज सेवा में जुटी हैं।
जया भट्टाचार्या की कहानी उन कई महिलाओं और बेटियों की कहानी है, जिन्हें समाज और परिवार में केवल इसलिए ठुकरा दिया जाता है क्योंकि वे बेटा नहीं हैं। लेकिन जया ने अपनी पीड़ा को शक्ति में बदला और आज एक मजबूत, स्वतंत्र और संवेदनशील इंसान बनकर दूसरों की मदद कर रही हैं।