वर्क फ्रॉम होम कल्चर में IT कंपनियों में बढ़ी महिलाओं की डिमांड, मिल रहा है बड़ा पैकेज

punjabkesari.in Wednesday, Aug 04, 2021 - 12:49 PM (IST)

कोरोना काल के चलते वर्क फ्राॅम हाॅम कर रही महिलाओं के लिए अच्छी खबर है खासकर प्रोफेशनल महिलाओं के लिए जो आईटी सेक्टर में काम कर रही है। दरअसल, वर्क फ्रॉम होम कल्चर में कंपनियां महिला कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी देने के साथ नौकरी करने के भी अवसर प्रदान कर रही है। आईटी कंपनियां हायरिंग में महिलाओं को अंतिम पैकेज में 70 फीसदी तक का जंप दे रही हैं।

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आज भर्ती मुख्य रूप से आईटी में केंद्रित है, इस क्षेत्र में कुल भर्ती का लगभग 65% है। टीमलीज सर्विसेज ने पाया कि इस साल मार्च से आईटी कंपनियों द्वारा कुल भर्ती में महिला उम्मीदवारों की संख्या 43 प्रतिशत है। टीमलीज सर्विसेज के सह-संस्थापक और कार्यकारी वीपी रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि मिड-मैनेजमेंट से लेकर सीनियर लेवल तक महिलाओं की भर्ती में उछाल आया है।

आईटी और नॉन-आईटी सेक्टर्स में पहले कभी इतनी हायरिंग नहीं देखी गई 
हालांकि अन्य क्षेत्रों में हायरिंग में तेजी नहीं आई है  लेकिन इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि  डायवरसिटी उद्योगों में फोकस है। विविधता, समावेश अग्रणी फर्म अवतार का कहना है कि इसने पिछली तिमाही के बाद आईटी और नॉन-आईटी सेक्टर्स में विविधता में पहले कभी इतनी हायरिंग नहीं देखी गई है।

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महिला उम्मीदवारों की बढ़ी डिमांड
अवतार की संस्थापक सौंदर्या राजेश ने कहा कि महिला उम्मीदवारों की बहुत डिमांड है। सरासर संख्या में, केवल Q1 (अप्रैल-जून) में मांग लगभग उतनी ही है जितनी हमने पूरे वित्त वर्ष 2011 में देखी थी। 
 

हायरिंग के साथ महिलाओं के पैकेज भी बढ़े
बता दें कि जहां आईटी सेक्टर में महिलाओं की ज्यादा हायरिंग हो रही है वहीं उनके पैकेज में भी 60 से 70 फीसदी की बढ़ोतरी  देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं  सेकंड करियर महिलाओं की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है, क्योंकि उनकी सैलरी अक्सर किफायती होती है, वो काम छोड़ने के बाद भी दोबारा नौकरी करना पंसद करती है।

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मल्टीनेशनल कंपनियां कर रही  है महिलाओं की हायरिंग
भारत में, वर्क फ्रॉम होम ने लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया है और प्रमुख क्षेत्रों में महिला प्रतिनिधित्व में वृद्धि हुई है। वर्क फ्रॉम होम ने महिलाओं के लिए अवसरों में वृद्धि की है, खासकर उन लोगों के लिए जो कार्यबल में फिर से प्रवेश करना चाहते हैं। वर्क फ्रॉम होम नौकरियों की संख्या के साथ-साथ महिलाओं के काम करने की गिनती में भी वृद्धि हुई है। यह चलन भारत में विवाहित महिलाओं के लिए वरदान रहा है। जैसे-जैसे वर्क फ्रॉम होम आदर्श बनता जा रहा है, वैसे-वैसे अधिक संगठन महिलाओं को काम पर रखने पर विचार कर रहे हैं। 150 से अधिक कंपनियों में से लगभग 50% - मल्टीनेशनल कंपनियां, लार्ज कंपनियां, हाई-ग्रोथ स्टार्टअप और कम उम्र के स्टार्टअप अधिक महिलाओं को काम पर रख रहे हैं। 

 टीमलीज सर्विसेज के अनुसार, सभी कंपनियों में से 45% ने कहा कि वे छह महीने के मेटरनिटी लीव की पेशकश करते हैं, जिसमें 13% अधिक का बढ़ावा हुआ है। लार्ज इंटरप्राइसेस ने विशेष रूप से प्रयास तेज कर दिए हैं, जिनमें से 20% ने निर्धारित समय से अधिक की पेशकश की है।

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घर संभालने के साथ महिलाओं ने फुल-टाइम जॉब में भी अच्छा प्रदर्शन किया
वहीं, महामारी ने दिखाया है कि घर संभालने की जिम्मेदारी के साथ महिलाओं ने फुल-टाइम जॉब में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। महामारी के दौरान पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा नौकरी गंवाई हैं, लेकिन जिन महिलाओं की नौकरी बची है, उनका परफॉर्मेंश बेहतर रहा है।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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