सिजेरियन के बाद दूसरी डिलीवरी नॉर्मल मुमकिन नहीं? जानिए इसकी सच्चाई

punjabkesari.in Saturday, Nov 21, 2020 - 05:01 PM (IST)

गर्भाव्यस्था में महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है ताकि मां और बच्चे को किसी तरह का कोई नुकसान न हो। मगर बहुत-सी महिलाएं जिनकी पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई होती है। उन्हें इस का डर रहता है कि दूसरा चांस लेने पर नॉर्मल डिलीवरी होगी या फिर से सिजेरियरन। मगर एक्सपर्ट्स के अनुसार, दूसरी बार नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कि इसके बारे में...


एक्सपर्ट्स के अनुसार, 10 में से 7 महिलाएं की दूसरी डिलीवरी नॉमल होने की संभावना होती है। मगर यह प्रेगनेंसी के समय शरीर की स्थिति के हिसाब पर निर्भर करती है। इसके लिए समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करने व उनके हिसाब से ही अपनी डेली रूटीन को अपनाने की जरूरत है। 

इन महिलाओं की हो सकती है नॉर्मल डिलीवरी...

- अगर आप एक बच्चे को जन्म देने वाली है तो नॉमल डिलीवरी हो सकती है। 

- जिन महिलाओं की पहली डिलीवरी के समय ज्यादा टांके न लगे हो।

इन महिलाओं की नहीं हो सकती नॉर्मल डिलीवरी...

- जिन महिलाओं को पहली डिलीवरी में हाई वर्टिकल यूट्राइन टांके लगे हो, गर्भाशय से संबंधित ऑपरेशन हुआ तो इस स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना कम होती है। 
 

- इसके अलावा लेबर पेन होने में मुश्किल आने पर बच्‍चे को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। 

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सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी में खतरा

जिन महिलाएं पहली डिलीवरी सिजेरियन होती है, उन्हें दूसरी बार केस को नॉमल करने में दिक्कते आ सकती है। असल में, नॉमल डिलीवरी में लेबर पेन के लिए आने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को यूट्राइन टूटने की नौबत आ सकती है। ऐसे में यह स्थिति मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। 

नॉर्मल डिलीवरी करवाने के फायदे

नॉमल डिलीवरी होने पर खून कम बहता है। साथ ही सेहत में जल्दी सुधार आता है। इसके अलावा संक्रमण फैलने व मूत्राशय में चोट लगने का खतरा कम रहता है।

नॉर्मल डिलीवरी करवाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान...

- नियमित रूप से 1 चम्मच अलसी के बीजों का सेवन करें। 

- खाने में फल, हरी-सब्जियां, सूखे मेवों को शामिल करें।

- शराब, सिगरेट से परहेज रखें। 

- योगा, एक्सरसाइज व सैर भी जरूरी। 

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- बाहर का तला-भुना व ज्यादा मसालेदार ना खाएं। 

- ज्यादा से ज्यादा खुश रहने की कोशिश करें। 

- शरीर को हाइड्रेडिट रखने के लिए ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करें। 

- कोई भारी काम करने से बचें। साथ ही ज्यादा आराम करें। 

इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए कोई भारी काम या किसी चीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें।


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neetu

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