क्या एयर फ्रायर में पका खाना ज्यादा हेल्दी या डीप फ्राई किया हुआ? एक्सपर्ट्स ने दिया जवाब
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 01:59 PM (IST)

नारी डेस्क : तली-भुनी चीजें हमारे खाने-पीने का अहम हिस्सा रही हैं। समोसे, पकौड़े, परांठे, आलू टिक्की या चिकन विंग्स।इनका स्वाद ही अलग होता है। लेकिन हेल्थ को लेकर बढ़ती जागरूकता ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या ये सब सेहत के लिए सही है। ऐसे में एयर-फ्रायर लोगों के घरों में एंट्री कर चुका है और हेल्थ-कॉन्शियस लोग इसे अपनाने लगे हैं।
लेकिन सवाल ये है कि क्या एयर-फ्राइंग वाकई डीप-फ्राइंग से ज्यादा हेल्दी है? एक्सपर्ट्स ने इसके फायदे और सीमाएं दोनों पर रोशनी डाली है।
एयर-फ्रायर को क्यों माना जाता है हेल्दी?
कम तेल में खाना पकाना: एयर-फ्रायर (Air-Fryer) की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें खाना पकाने के लिए बहुत कम तेल लगता है।
गर्म हवा से पकता है खाना : एयर-फ्रायर (Air-Fryer) में फूड को तेल में डुबाना नहीं पड़ता। गर्म हवा के सर्कुलेशन से खाना कुरकुरा बन जाता है।
70-80% तक कम फैट : एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एयर-फ्राइंग से खाने में मौजूद फैट 70-80% तक कम हो जाता है।
कम कैलोरी, कम कोलेस्ट्रॉल : तेल कम होने से कैलोरी भी कम होती है और हार्ट डिजीज का खतरा भी घटता है।
वजन घटाने वालों के लिए बेहतर : जो लोग वजन कंट्रोल करना चाहते हैं या जिनको हार्ट प्रॉब्लम का खतरा है, उनके लिए एयर-फ्राइंग अच्छा विकल्प है।
क्या एयर-फ्राइंग पूरी तरह परफेक्ट है?
डॉक्टर कहते हैं कि केवल तरीका बदलने से खाना हेल्दी नहीं हो जाता। अगर आप एयर-फ्रायर में फ्रोजन स्नैक्स या प्रोसेस्ड फूड डालते हैं, जिनमें पहले से ज्यादा नमक, प्रिजर्वेटिव्स और रिफाइंड कार्ब्स होते हैं, तो नुकसान वैसे ही रहेंगे। बहुत ज्यादा टेम्परेचर पर एयर-फ्राइंग करने से एक्रिलामाइड नामक हानिकारक कंपाउंड भी बन सकते हैं, जो सेहत के लिए सही नहीं है। हालांकि, यह डीप-फ्राइंग के मुकाबले कम मात्रा में बनते हैं।
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क्या डीप-फ्राइंग हमेशा नुकसानदायक है?
डीप-फ्राइंग को अक्सर खराब माना जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से बुरा नहीं है। अगर आप सही तेल का चुनाव करें और सीमित मात्रा में डीप-फ्राइंग करें तो यह हेल्दी भी हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सब्जियों में मौजूद फैट-सॉल्यूबल विटामिन्स (A, D, E, K) सही तरह से अवशोषित होते हैं जब उन्हें अच्छे तेल में पकाया जाए। असली समस्या तब होती है जब हम तली हुई चीजें रोज खाते हैं या तेल को बार-बार दोबारा इस्तेमाल करते हैं। इसलिए कभी-कभार मस्टर्ड ऑयल, ग्राउंडनट ऑयल या ऑलिव ऑयल में डीप-फ्राइंग करना बहुत हानिकारक नहीं है।
बैलेंस सबसे जरूरी है
एयर-फ्रायर डीप-फ्राइंग से हेल्दी जरूर है, लेकिन इसे कोई जादुई हल नहीं मानना चाहिए। हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि आप इसमें होल फूड्स बनाएं जैसे शकरकंदी फ्राइज, पनीर टिक्का, ग्रिल्ड वेजिटेबल्स या चिकन ब्रेस्ट, न कि सिर्फ रेडी-टू-ईट फ्रोजन स्नैक्स। ताजा सामग्री का इस्तेमाल करें और हेल्दी ऑयल चुनें। साथ ही संतुलित डाइट और नियमित एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, तभी आपको सही रिजल्ट मिलेंगे। एयर-फ्राइंग डीप-फ्राइंग से ज्यादा हेल्दी है क्योंकि इसमें तेल और कैलोरी दोनों कम होते हैं। लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब आप ताजा और पौष्टिक चीजें पकाएं। सही ऑयल, सही तापमान और बैलेंस्ड डाइट का ध्यान रखना ही सेहत का असली राज है।