जल्दी शादी करने की बजाय Sperm freezing करवा रहे पुरुष, इससे मरने के बाद भी बन सकते हैं पिता

punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2025 - 01:06 PM (IST)

नारी डेस्क:  अकसर हमने लोगों के मुंह से यह कहते सुना है कि जल्दी शादी कर लो नहीं तरे बच्चा पैदा करने में मुश्किल आएगी। कुछ लोग इसी डर से शादी कर लेते हैं, इस तरह की असमंजस में फसे लोगों की मदद साइंस कर रहा है। कुछ सालों से बहुत से पुरुष  'स्पर्म फ्रीजिंग' की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे हैं। यह एक सुरक्षित और कारगर विकल्प बन गया है, इससे पुरुष भविष्य में अपनी फैमिली प्लानिंग को सुरक्षित रख सकते हैं। 

 

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स्पर्म फ्रीजिंग की क्या है वजह

आज के समय में पुरुषों की प्रजनन क्षमता (Male Fertility) तेजी से घट रही है।  शोध बताते हैं कि पिछले 50 वर्षों में पुरुषों के स्पर्म काउंट में लगभग 50% की गिरावट आई है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जिससे बांझपन (Infertility) और गर्भधारण में दिक्कतें आ रही हैं।  ऐसे में पुरुष अपने स्वस्थ शुक्राणुओं को भविष्य में उपयोग के लिए संरक्षित (Preserve) कर सकते हैं। वहीं पति की मौत के बाद उसके जमा स्पर्म से पत्नी भी गर्भधारण कर सकती है, पिछले कुछ समय से ऐसे मामले भी देखने को मिले जहां मरने के बाद इंसान पिता बना। यानी कि मौत के बाद भी व्यक्ति के स्पर्म उसका वंश बढ़ा रहे हैं। 

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 स्पर्म काउंट घटने के मुख्य कारण

   - अत्यधिक मानसिक तनाव स्पर्म उत्पादन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को प्रभावित करता है।  
  
   - वायु प्रदूषण और प्लास्टिक में मौजूदकेमिकल्स (Endocrine Disruptors) शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।  

   - अधिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल और लैपटॉप को गोद में रखने से **स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है।  

   - कुछ दवाएं, जैसेस्टेरॉयड और एंटी-डिप्रेशन मेडिसिन, प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।  

   - उम्र बढ़ने के साथ शुक्राणु की गतिशीलता (Motility) और डीएनए गुणवत्ता (DNA Integrity) घट जाती है।  


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 किन लोगों को स्पर्म फ्रीजिंग करवानी चाहिए?

35 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष स्पर्म फ्रीजिंग करवा सकते हैं, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शुक्राणु की गुणवत्ता घटती है।  जो देर से शादी करने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए इससे  बढिया ऑपशन काेई हो ही नहीं सकता। कैंसर या गंभीर बीमारी से पीड़ित पुरुषों के लिए भी कीमोथेरेपी या रेडिएशन से पहले स्पर्म फ्रीजिंग फायदेमंद हो सकती है।  जिनके स्पर्म काउंट कम हैं, उन्हें इस विषय पर जल्दी ही फैसला ले लेना चाहिए, ताकि भविष्य में परिवार बढ़ाने का मौका बना रहे।  

 

 स्पर्म फ्रीजिंग की प्रक्रिया 

पहलेव्यक्ति के स्पर्म को हस्तमैथुन (Masturbation) या सर्जिकल प्रक्रिया से इकट्ठा किया जाता है।   शुक्राणु की गुणवत्ता, गतिशीलता (Motility) और संख्या (Count) की जांच की जाती है। फिर  शुक्राणु को फ्रीज करने से पहले विशेष क्रायोप्रोटेक्टेंट केमिकल मिलाया जाता है ताकि कोशिकाओं को नुकसान न हो।  शुक्राणु को धीरे-धीरे -196°C पर लिक्विड नाइट्रोजन में फ्रीज किया जाता है।  जब भी गर्भधारण की जरूरत हो, स्पर्म को डीफ्रीज कर आईवीएफ (IVF) या आईसीएसआई (ICSI) तकनीक से उपयोग किया जा सकता है। इसे तब तक स्टोर करके रखते हैं जब तक पेशेंट इसे यूज न करना चाहे। 10 साल तक फ्रीज रहे स्पर्म से भी हेल्दी बच्चा पैदा हो सकता है।

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स्पर्म फ्रीजिंग के फायदे  

-भविष्य में गर्भधारण का विकल्प बना रहता है।
-उम्र बढ़ने के साथ शुक्राणु की गुणवत्ता कम होने की समस्या से बचा जा सकता है।
-इनफर्टिलिटी की समस्या का समाधान मिलता है।
-कैंसर, हार्मोनल डिसऑर्डर या अन्य बीमारियों से पीड़ित पुरुषों के लिए उपयोगी।
-जो पुरुष शादी में देर कर रहे हैं, वे अपने स्वस्थ स्पर्म को संरक्षित कर सकते हैं।

 

स्पर्म फ्रीजिंग इन लोगों के लिए है फायदेमंद

आज के समय में पुरुषों की प्रजनन क्षमता तेजी से गिर रही है, जिसका मुख्य कारण तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, प्रदूषण और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का बढ़ता इस्तेमाल है।  स्पर्म फ्रीजिंग (Sperm Freezing) एक प्रभावी समाधान हो सकता है, जिससे पुरुष भविष्य में अपनी फैमिली प्लानिंग को सुरक्षित रख सकते हैं।  जो लोग  देर से शादी करने की सोच रहे हैं, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, या इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान हैं, उनके लिए यह प्रक्रिया बेहद लाभदायक साबित हो सकती है।  अगर आप अपनी फर्टिलिटी को लेकर चिंतित हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर स्पर्म फ्रीजिंग पर विचार कर सकते हैं।

 

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 पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के उपाय 

- ताजे फल, सब्जियां, नट्स और ओमेगा-3 युक्त चीजें खाएं।
-टमाटर, अखरोट, अंडे, पालक, और डार्क चॉकलेट शुक्राणु की गुणवत्ता सुधारते हैं।
-नियमित एक्सरसाइज से टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है और स्पर्म काउंट में सुधार होता है।
-निकोटीन और अल्कोहल शुक्राणु की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाते हैं।
-लैपटॉप को गोद में रखने से बचें और मोबाइल फोन को जेब में न रखें।
-मोटापा हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जिससे स्पर्म काउंट कम हो सकता है।
-7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है क्योंकि यही समय शरीर टेस्टोस्टेरोन और स्पर्म उत्पादन के लिए इस्तेमाल करता है।
-बॉडीबिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल ना करें।


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Content Writer

vasudha

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