नौकरी नहीं मिली तो खोली चाय की दुकान, अब ''MA English Chaiwali'' के नाम से फेमस

punjabkesari.in Monday, Nov 15, 2021 - 05:16 PM (IST)

अगर आप जीवन में कुछ अलग करने की ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। कोलकाता के टुकटुकी दास इस बात को साबित करते हैं। कोलकाता की रहने वाली टुकटुकी दास ने M.A. पूरी करने के बाद नौकरी पाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सकीं इसलिए उन्होंने उत्तर-24 परगना के हाबरा स्टेशन पर एक चाय की दुकान खोलने का फैसला किया। टुकटुकी दास की चाय की दुकान पूरे शहर में 'एमए इंग्लिश चायवाली' के नाम से मशहूर है। चलिए एक नजर डालते हैं उनकी इंस्पायरिंग स्टोर पर....

'एमए अंग्रेजी चायवाली' टुकटुकी दास

गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली टुकटुकी के पिता वैन ड्राइवर और उनकी मां किराना स्टोर चलाती है। माता-पिता टुकटुकी को  शिक्षिका चाहते थे। अपने माता-पिता का सपने को पूरा करने के लिए टुकटुकी ने भी खूब मेहनत की और रवींद्रभारती ओपन यूनिवर्सिटी से  विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य (English literature) में पोस्ट ग्रेजुएशन कंपलीट की।

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नौकरी खोजने में असमर्थ

मगर, कड़ी मेहनत के बाद भी टुकटुकी नौकरी पाने में असमर्थ रहीं। अपनी योग्यता के बावजूद भी नौकरी ना मिल पाने के कारण उन्होंने Tea Stall खोलने का फैसला किया।

प्रफुल्ल बिलोर उर्फ ​​'एमबीए चायवाला' से प्रेरित

टुकटुकी ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने यूट्यूब पर प्रफुल्ल बिलोर उर्फ ​​'एमबीए चायवाला' से प्रेरित होकर, एक छोटी-सी दुकान किराए पर ली। 1 नवंबर, 2021 को 'एमए इंग्लिश चायवाली' के बैनर तले अपनी चाय की दुकान शुरू की। पहले दिन खुशी व्यक्त करने के लिए उन्होंने कई ग्राहकों को मुफ्त चाय भी पिलाई।

पहले पसंद नहीं आया माता पिता को आइडिया

पहले तो माता-पिता को चाय बेचने का आइडिया पसंद नहीं आया। वह अपनी पढ़ी-लिखी बेटी को ऐसा काम करते हुए नहीं देखना चाहते थे। मगर, टुकटुकी अपने विचार के साथ उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार थी। टुकटुकी के हौंसले को देख उनके माना पिता भी मान गए। उनके पिता ने कहा कि वह आत्मनिर्भर बनना चाहती है तो अच्छा है।

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यूट्यूब पर भी फेमस

चाय की दुकान के अलावा टुकटुकी खुद का एक यूट्यूब चैनल भी चलाती हैं। उनके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं। टुकटुकी का कहना है कि जब से वह वायरल हुई हैं, कई लोग उनसे मिलने और हौसला बढ़ाने के लिए टी-स्टॉल पर भी आए। लोगों का मानना है कि टुकटुकी की कहानी भारत के अन्य योग्य युवाओं के लिए प्रेरणा हो सकती है, जो नौकरी पाने में सक्षम नहीं हैं।


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Content Writer

Anjali Rajput

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