इंडस्ट्री में पसरा मातम: मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री का निधन, इंडस्ट्री ने खोया एक अनमोल सितारा
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 10:47 AM (IST)

नारी डेस्क: हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री संध्या शांताराम का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। शिवाजी पार्क स्थित वैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। सोशल मीडिया पर लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और उनके जीवन एवं करियर के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं।
संध्या शांताराम का जीवन परिचय
संध्या शांताराम का जन्म 13 सितंबर 1938 को हुआ था। वे 1950-60 के दशक की प्रमुख अभिनेत्री थीं। संध्या ने अपने करियर की शुरुआत हिंदी और मराठी फिल्मों में की और अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने विशेष रूप से अपने पति वी. शांताराम की फिल्मों में काम किया और हर फिल्म में अपनी अदाकारी के लिए सराही गईं।
उनकी पॉपुलर फिल्मों में शामिल हैं
‘झनक झनक पायल बाजे’ (1955)
‘दो आंखें बारह हाथ’ (1958)
‘नवरंग’ (1959)
मराठी फिल्म ‘पिंजरा’ (1972)
‘अमर भूपाली’ (1951)
संध्या ने हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं की फिल्मों में शानदार प्रदर्शन किया और इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई।
Saddened by the passing of legendary actress Sandhya Shantaram Ji. Her iconic roles in films like #Pinjra, #DoAnkhenBarahHath, #Navrang, and #JhanakJhanakPayalBaaje will forever be cherished. Her remarkable talent and mesmerizing dance skills have left an indelible mark on the… pic.twitter.com/fOttHtmuMz
— Madhur Bhandarkar (@imbhandarkar) October 4, 2025
पति की फिल्मों में संध्या का योगदान
संध्या के पति वी. शांताराम खुद एक प्रसिद्ध फिल्ममेकर थे। वी. शांताराम ने संध्या को फिल्मों की दुनिया से जोड़ा। दरअसल, उनकी फिल्म ‘अमर भूपाली’ (1951) के लिए नए चेहरे की तलाश चल रही थी। उस वक्त वी. शांताराम की पहली पत्नी जयश्री थीं, लेकिन फिल्म में उनकी आवाज और अभिनेत्री की आवाज में समानता की वजह से उन्हें संध्या को फिल्म में लेने का निर्णय करना पड़ा। संध्या और वी. शांताराम की शादी के बाद संध्या ने उनके निर्देशन में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
फिल्म ‘तीन बत्ती चार रास्ता’ में संध्या का करियर पॉपुलर हुआ साल 1953 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘तीन बत्ती चार रास्ता’ संध्या के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने कोकिला नाम की गरीब लड़की का किरदार निभाया। इसके लिए उन्होंने डार्क मेकअप किया था। फिल्म सुपरहिट रही और संध्या की प्रतिभा को पहचान मिली। इसके बाद संध्या ने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई।
संध्या शांताराम का योगदान और विरासत
संध्या शांताराम सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि हिंदी और मराठी सिनेमा की एक दिग्गज कलाकार थीं। उन्होंने अपनी फिल्मों और अदाकारी से इंडस्ट्री में अमिट छाप छोड़ी। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में मातम छा गया है, लेकिन उनके काम और यादें हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी।
संध्या शांताराम का जीवन और करियर भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मिसाल के तौर पर याद किया जाएगा। उनकी फिल्मों और अभिनय की वजह से वे हमेशा सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगी।