खांसते या छींकते समय लीक हो जाता है Urine?  इस तरह शर्मिंदा होने से बचाएं खुद को

punjabkesari.in Thursday, Sep 26, 2024 - 09:16 AM (IST)

नारी डेस्क: क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि ज्यादा हंसने या छींकने का दौरान आपका यूरिन निकल गया हो।  आमतौर पर 40 की उम्र के बाद महिलाओं को यह समस्या होती है जिसे ब्लैडर लीकेज कहा जाता है। यूरिन पास करने की प्रक्रिया पर कई बार कंट्रोल नहीं रहता, जिस कारण कई बार शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं किस कारण होती है ये समस्या और किस तरह बचा जा सकता है इससे। 

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महिलाओं में ब्लैडर लीकेज के कारण

-गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद पेल्विक मसल्स (जांघ की मांसपेशियां) कमजोर हो जाती हैं, जिससे मूत्राशय पर दबाव बढ़ सकता है।

-एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने से मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

-डिलीवरी के तुरंत बाद फिर से प्रेग्नेंट हो जाने पर ब्लैडर लीकेज की समस्या बढ़ जाती है।

- अधिक वजन होने से मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

-खांसी, छींक या हंसने पर ब्लैडर पर अचानक दबाव पड़ता है, जिससे यूरिन लीक हो सकता है।

-लंबे समय तक कब्ज रहने से पेल्विक फ्लोर मसल्स पर दबाव पड़ता है।

-पेशाब रोकने की आदत से ब्लैडर लीकेज की समस्या हो सकती है।

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ब्लैडर लीकेज का घरेलू उपचार

केगेल एक्सरसाइज (Kegel Exercises):   पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने के लिए केगेल एक्सरसाइज बेहद प्रभावी है। इसे नियमित रूप से करने से मूत्राशय पर नियंत्रण बेहतर हो सकता है। जैसे आप पेशाब को रोकने की कोशिश करते हैं, उसी तरह पेल्विक मसल्स को 10 सेकंड के लिए कसें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें। इसे 10-15 बार दोहराएं।
   
पानी की पर्याप्त मात्रा लें:   ज्यादा पानी पीने से ब्लैडर को बार-बार खाली करना पड़ता है। हालांकि, कम पानी पीने से  यूरिन और भी गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्लैडर में इरिटेशन हो सकता है। हर दिन लगभग 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।
   
वजन कम करें: अगर वजन ज्यादा है तो इसे नियंत्रित करना जरूरी है, क्योंकि अतिरिक्त वजन से पेल्विक फ्लोर मसल्स और ब्लैडर पर दबाव पड़ता है, जिससे लीकेज की समस्या बढ़ सकती है।

हेल्थी डाइट: आहार में फाइबर और प्रोटीनशामिल करें, जिससे पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं।  ओमेगा-3 फैटी एसिड** से भरपूर आहार, जैसे मछली, अलसी के बीज, और नट्स, को आहार में शामिल करें।

गर्म सिंकाई (Warm Compress):  पेट के निचले हिस्से पर हल्की गर्म सिंकाई करने से ब्लैडरकी मसल्स को आराम मिलता है और रक्त संचार बेहतर होता है।

अदरक और हल्दी का सेवन:  अदरक और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम करने और यूरिन की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप अदरक की चाय या हल्दी दूध का सेवन कर सकते हैं।

 

नोट: अगर घरेलू उपचार से राहत नहीं मिल रही है, तो किसी चिकित्सक से परामर्श लें, क्योंकि यह किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
 


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vasudha

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