एक्टिव और स्मार्ट बनेंगे आपके बच्चे, पेरेंट्स जरुर सिखाएं Team Mate Behaviour
punjabkesari.in Sunday, Jan 01, 2023 - 01:25 PM (IST)

पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए हर चीज एकदम परफेक्ट चाहते हैं चाहे वो उनकी पढ़ाई को लेकर हो या फिर किसी खेल को लेकर हो। बहुत से बच्चों की खेलों में भी दिलचस्पी होती हैं। किसी की क्रिकेट में तो किसी की फुटबॉल में। फुटबॉल खेलते हुए बच्चे सिर्फ गोल करना ही नहीं बल्कि अपने टीममेट की गलतियों को भी स्वीकार करना और उनका हौसला बढ़ाने के बारे में सीखते हैं। इस दौरान यदि वह खेल के दौरान हार भी जाते हैं तो निराशा से खुद को बाहर निकालकर अगले मैच की तैयारी के लिए भी प्रयास करने लगते हैं। यह सब बातें उन्हें कई तरह की शिक्षाएं भी देती हैं बच्चों को सीख मिलती है कि वह अपने दम पर मैच नहीं जीत सकते। बल्कि उन्हें इसके लिए हर किसी खिलाड़ी की जरुरत होती है। यदि आप चाहते हैं कि बच्चा जीवन में हर किसी परिस्थिति का अच्छा से सामना कर सक तो आप इन तरीकों के साथ उनके अंदर टीममेट बिहेवियर पैदा कर सकते हैं।
बच्चे को करें प्रोत्साहित
यदि आप बच्चे के अंदर टीम के प्रिति भावना को बढ़ाना चाहते हैं तो उनके साथ इससे जुड़ी बातों पर चर्चा कर सकते हैं। उनकी टीम के प्रति आप बच्चे से सवाल कर सकते हैं जैसे उनकी फुटबाल की टीम में कौन सा प्लेयर सबसे अच्छा है? किस टीममेट का मैच उन्हें प्रोत्साहित करता है आदि। इसके अलावा आप बच्चों को टीममेट के लिए चीयरअप भी कर सकते हैं।
खुद भी दिखाएं टीममेट बिहेवियर
यदि आप चाहते हैं कि बच्चा अच्छे से टीम में गेम खेल सके तो आप भी उनके साथ उसी तरह से व्यवहार करें। आप बच्चों के साथ गेम देखते हुए टीम गेम की तारीफ करें। इसके अलावा आप परिवार के साथ मिलकर बॉस्केट बॉल, क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, खेल सकते हैं। एक टीम बनाकर आप बच्चों के साथ खेलें और हर किसी के द्वारा टीम को दिए गए योगदान को एप्रिशिएट भी जरुर करें।
बच्चों के साथ बैठ कर देखें मैच
बच्चों के साथ बैठकर आप मैच देख सकते हैं। मैच के दौरान विरोधी टीम के साथ आप हाथ मिलाना, समय-समय पर टीम को प्रोत्साहित करने वाला बिहेव, गले लगाना जैसी बातों पर भी आप बच्चे के साथ चर्चा कर सकते हैं। ऐसी बातें बच्चों को आकर्षित करेंगे और वह प्रतियोगिताओं के दौरान हार-जीत को स्वीकार पाएंगें। इसके अलावा बच्चे में खेल की भावनाएं भी आती हैं।
क्या है टीममेट बिहेवियर के फायदे
. टीममेट बिहेवियर से बच्चे के अंदर मोटरस्किल डेवलप होता है।
.बच्चे की सोशल स्किन अच्छी होती है।
. बच्चा मेंटली स्ट्रांग बनता है।
. जिम्मेदारियों को बच्चे निभाना सिखते हैं।
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