इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाने वाला ''गिलोय'' कर रहा है लिवर डैमेज, जानिए कैसे?

punjabkesari.in Monday, Jul 05, 2021 - 05:48 PM (IST)

जब से कोरोना काल शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक डाॅक्टर और एक्सपर्ट हमे काढ़ा पीने की सलाह दे रहे हैं, ताकि इससे हमारी इम्युनिटी स्ट्रांग हो और वायरस से खुद का बचाव कर सके,  लेकिन वहीं इस काढ़े में उपयोग की जाने वाली एक औषद्धी को लेकर एक चौंका देने वाली खबर सामने आई हैं।

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लिवर डैमेज के करीब छह मामले देखे गए- 
दरअसल, वायरस से बचने के लिए ली जाने वाली कुछ जड़ी-बूटियां और पारंपरिक दवाएं शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। जी हां,  मुंबई में डॉक्टर्स ने पिछले साल सितंबर से दिसंबर के बीच इनसे होने वाले लिवर डैमेज के करीब छह मामले देखे थे। ऐसे ज्यादातर मरीजों में जॉन्डिस (पीलिया) और लीथर्जी (सुस्ती-थकान से जुड़ा विकार) की समस्या देखी गई।

जांच पता चला मरीज कर रहे थे गिलोय का सेवन- 
डॉक्टर्स ने जब इन मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री की जांच की तो पता चला, ये  सभी टिनोस्पोरा कोर्डिफोलिया का सेवन कर रहे थे, जिसे आम भाषा में लोग गिलोय कहते हैं। भारत में गिलोय काफी मशहूर है जिसका अकसर लोग गंभीर बुखार आदि बीमारी में लेे है। 

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स्टडी में हुआ खुलासा-
'इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर दि स्टडी ऑफ दि लिवर' में प्रकाशित एक स्टडी में लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर आभा नागरल ने बताया कि एक 62 साल की बुजुर्ग महिला को पेट में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब चार महीने तक इस तकलीफ से जूझने के बाद उनकी मौत हो गई थी।

हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना संकट में बता चुके हैं  गिलोय से इम्यूनिटी बेहतर होने की बात-
डॉ. नागरल के अनुसार, यही वो समय था जब उन्हें बायोप्सी के जरिए लिवर में गिलोय से होने वाली इस घातक इंजरी के बारे में पता लगा था। बता दें कि कोरोना के संकट काल में भी कई बार हेल्थ एक्सपर्ट्स ने गिलोय से इम्यूनिटी बेहतर होने की बात कही थी।

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 लिवर डैमेज के पांच मरीज आए सामने, एक मरीज की मौत-
लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर एएस सोइन जिनका इस अध्ययन से कोई कनेक्शन नहीं है, उन्होंने बताया कि गिलोय से लिवर डैमेज होने के वह अब तक 5  मामले देखे गए हैं। लिवर डैमेज के चलते उनके एक मरीज की मौत भी हो गई थी।

गिलोय का सेवन बंद करने के कुछ महीनों बाद मरीजों की हुई रिकवरी 
डॉक्टर एएस सोइन के मुताबिक, महामारी के दौरान लोग इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए किसी ऑक्सीडेंट के रूप में गिलोय का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि दुर्भाग्यवश इसके कारण बहुत से लोगों ने लिवर टॉक्सिटी का सामना किया है। गिलोय का सेवन बंद करने के कुछ महीनों बाद ही मरीजों की रिकवरी हो गई थी।

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 आयुष मंत्रालय कर चुका है गिलोय की सिफरिश-
गिलोय उन तमाम वैकल्पिक दवाओं में से एक है जिनकी सिफरिश खुद आयुष मंत्रालय ने की थी। आयुष मंत्रालय ने दावा किया था कि गिलोय SARS-CoV-2 के कारण होने वाली कोविड-19 की बीमारी के खिलाफ गिलोय इम्यून को बूस्ट कर सकता है।

गिलोय में क्या है खास- 
गिलोय की पत्त‍ियां पान के पत्ते की तरह होती हैं। इसकी पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा भरपुर पाई जाती है। इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है। आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के साथ-साथ कई खतरनाक बीमारियों से भी बचाती है।

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 विज्ञान जगत में भी गिलोय को माना गया है बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार-
आयुर्वेद ही नहीं विज्ञान जगत के बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी गिलोय को बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार मानते हैं। मेटाबॉलिज्म सिस्टम, बुखार, खांसी, जुकाम और गैस्ट्रोइंटसटाइनल समस्या के अलावा भी ये कई बड़ी बीमारियों से आपकी रक्षा करता है। पीलिया के मरीजों के लिए भी गिलोय के पत्ते को फायदेमंद माना गया है। 

कोरोना काल में लोग उबले पानी, जूस, काढ़ा, चाय या कॉफी के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहे थे।


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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