बालों के लिए Straightener का इस्तेमाल करती हैं तो हो जाए सावधान, इससे हो रहा कैंसर

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 06:10 PM (IST)

क्या आप भी स्ट्रेट बालों का शौक रखती हैं? और इन्हें सीधा-शाइनी और मुलायम करवाने के लिए रिबॉन्डिंग-स्मूदनिंग ट्रीटमेंट्स के लिए कई तरह के हेयर स्ट्रेंटनिंग प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल कर रही हैं? तो सावधान हो जाए क्योंकि ये आपको सौगात में यूटेराइन कैंसर दे सकता है। जी हां, ये दावा हम नहीं बल्कि नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में किया गया है। इस अध्ययन के मुताबिक, जिन महिलाओं ने बालों को सीधा करने वाले कैमिकल प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल किया उनमें लगभग 4% महिलाओं में यूटेराइन यानि गर्भाशय का कैंसर देखा गया। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा यह पहली बार दावा नहीं किया गया इससे पहले की रिपोर्ट में भी हेयर डाई का संंबंध ब्रेस्ट व ओवेरियन कैंसर के साथ बताया जा चुका है। अमेरिका के रिसर्चर ने इस बात का दावा किया है कि बाल सीधा करने के लिए लगाई जाने वाली क्रीम में जो कैमिकल मिले हैं वह गर्भाश्य कैंसर के जोखिम को दोगुना कर सकते हैं।

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महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है गर्भाश्य कैंसर

अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दें कि महिलाओं को होने वाला यह कैंसर सबसे आम कैंसर हैं। पूरी दुनिया में हर साल करीब 5 लाख महिलाओं को ये कैंसर होता है। 85 फीसदी महिलाएं विकासशील देशों से हैं जिन्हें इस कैंसर का खतरा ज्यादा है। भारत में भी 36 फीसदी महिलाओं को गर्भाश्य कैंसर का खतरा रहता है खासकर जो 30 से 59 के बीच की उम्र की हैं। जिन महिलाओं का बीएमआई (BMI) 5 प्वाइंट अधिक होता है, उनमें 88 फीसदी तक अधिक गर्भाशय के कैंसर का खतरा होता है।

क्या कहती है स्टडी, खून में कैसे पहुंचता है कैंसर?

इन क्रीम में मौजूद कैमिकल खोपड़ी के माध्यम से खून में शामिल होकर गर्भाशय में पहुंच रहे हैं। वहीं अश्वेत महिलाओं को इस कैंसर का खतरा दूसरी महिलाओं से ज्यादा है क्योंकि वह हेयर स्ट्रेटनिंग प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल ज्यादा कर रही हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 33 हजार महिलाओं की एक दशक से अधिक समय तक निगरानी की गई और उसी में बताया गया कि जो साल में 4 या उससे ज्यादा बार हेयर स्ट्रेटनिंग प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल कर रही थी उन महिलाों में गर्भाश्य कैंसर की दर 4.05 प्रतिशत थी जबकि ऐसा ना करने वाली महिलाओं में यह दर 1.64 प्रतिशत थी। इस कैमिकल में पैराबेन्स (parabens),बिस्फेनॉल ए (bisphenol A), धातु और फॉर्मल्डेहाइड (formaldehyde) जैसे कैमिकल जो हेयर स्ट्रेटनर में मौजूद रहते हैं जो गर्भाशय के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

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वहीं अमेरिकी महिला जेनिफर मिशेल (Jennifer Mitchell) ने यह दावा किया कि लोरियल के हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट इस्तेमाल करने पर उसे गर्भाशय का कैंसर (Uterine cancer) हो गया है। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से लोरियल प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रही थीं, जिसके कारण उसे कैंसर हो गया है। महिला के वकील ने कंपनी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। बता दें कि L'Oreal फ्रांस की कंपनी है जो हेयर एंड केयर के प्रोडक्ट्स तैयार करती है। इस मामले में L'Oreal कंपनी ने अभी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है गर्भाशय कैंसर

अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दें कि महिलाओं को होने वाला यह कैंसर सबसे आम कैंसर हैं। पूरी दुनिया में हर साल करीब 5 लाख महिलाओं को ये कैंसर होता है। 85 फीसदी महिलाएं विकासशील देशों से हैं जिन्हें इस कैंसर का खतरा ज्यादा है।भारत  में भी 36 फीसदी महिलाओं को गर्भाश्य कैंसर का खतरा रहता है, खासकर जो 30 से 59 के बीच की उम्र की हैं।

क्या है गर्भाशय कैंसर?

महिला के गर्भाशय की अंदरुनी परत एंडोमेट्रियम की कोशिकाएं बढ़ने से गर्भाश्य  कैंसर का खतरा पैदा होता है। इसके होने से महिला के मां बनने की संभावना भी खत्म हो सकती है। महिलाओं के शरीर में असंतुलित हार्मोन्स के कारण गर्भाशय कैंसर का खतरा होता है।

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लक्षणों की बात करें तो

महिला को पीरियड्स के अलावा भी ब्लीडिंग की समस्या रहती है।

उसे पेल्विक पेन यानि पेड़ू में काफी दर्द होता है।

बार-बार यूरिन आता है और साथ ही दर्द भी होता है।

मेनोपॉज होने के बाद भी ब्लीडिंग होती हैं।

इंटरकोर्स के समय दर्द।

मल त्यागते समय भी परेशानी होती है।

अगर ऐसा हो रहा हैै या फिर लगातार बहुत ज्यादा लिक्विड डिस्चार्ज हो रहा है तो तुरंत गायनकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।


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Content Writer

Vandana

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