प्रदूषण ने छीन ली है चेहरे की चमक तो इन बातों का रखें ख्याल
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 04:02 PM (IST)
नारी डेस्क: देश के ज्यादातर शहरों में पिछले हफ्तों से पीएम लेवल 150 से अधिक रिकॉर्ड किया गया है, जो त्वचा के लिए खतरनाक है। इससे कोलेजन और इलास्टिसिटी जैसे महत्वपूर्ण तत्वों को नुकसान पहुंचता है। भारत में बढ़ते शहरीकरण, औद्योगीकरण और जनसंख्या के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। आज के समय में प्रदूषण का असर केवल पर्यावरण पर नहीं बल्कि त्वचा और आंखों पर भी दिखाई देता है। इसका परिणाम यह होता है कि त्वचा बेजान और बेरुखी नजर आने लगती है। इसके अलावा एक्ने, एक्जिमा और हाइपरपिग्मेंटेशन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं, जिससे आप समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं। प्रदूषण के कारण त्वचा की सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे त्वचा में नमी की कमी होती है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है।
त्वचा की सफाई और सुरक्षा
बाहर से आने के बाद चेहरे को हल्के फेस वॉश से जरूर धोएं, ताकि त्वचा पर जमा धूल और गंदगी हटाई जा सके और सुरक्षा परत सुरक्षित रहे। सनस्क्रीन का इस्तेमाल सिर्फ धूप से नहीं बल्कि प्रदूषण से भी आपकी त्वचा की रक्षा करता है। SPF 30 या उससे अधिक वाला व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन सुबह बाहर निकलने से पहले लगाएं।
सप्ताह में 2-3 बार स्किन की डीप क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन करना चाहिए। बढ़ते प्रदूषण में सिर्फ सामान्य क्लीनिंग पर्याप्त नहीं होती। चेहरे को धोने के लिए ऑयल-बेस्ड क्लींजर का इस्तेमाल करें। दिन में दो बार फेस वॉश करें। सोने से पहले डबल क्लींजिंग करें – पहले तेल आधारित क्लींजर से अशुद्धियों को हटाएं, फिर पानी आधारित क्लींजर से रोमछिद्र साफ करें। इसके बाद पेप्टाइड युक्त सीरम और मॉइस्चराइजर लगाएं।

बाहर निकलते समय सावधानियां
चेहरे को धूल से बचाने के लिए कपड़े से ढकें और धूल वाले स्थान से दूरी बनाए रखें। आंखों के लिए धूप का चश्मा पहनें। इससे धूल और धुएं का सीधा असर कम होता है। त्वचा को डिटॉक्स और हाइड्रेट करने के लिए पर्याप्त पानी, जूस, सूप पिएं और भोजन में रोज फल और सब्जियां शामिल करें। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लेना भी मददगार है। फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी, अंगूर, संतरा और अनार लाभकारी हैं। सब्जियों में पालक, गाजर और ब्रॉकली एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत हैं।
त्वचा की अतिरिक्त सुरक्षा
घर से बाहर निकलने से पहले विटामिन C युक्त सीरम लगाएं। यह स्किन को फ्री रेडिकल से बचाता है और रंगत में निखार लाता है। गर्म या ठंडे पानी से नहाने से बचें। सामान्य या गुनगुने पानी का इस्तेमाल बेहतर है। बार-बार मुंह धोने से त्वचा की सुरक्षा परत कमजोर हो सकती है। इसलिए दो बार से ज्यादा चेहरे न धोएं। यदि त्वचा में जलन हो रही हो, तो कठोर स्क्रब, अल्कोहल आधारित टोनर और रेटिनॉइड से बचें।
शुष्क त्वचा: क्लीजिंग क्रीम या जैल का प्रयोग करें।
तैलीय त्वचा: क्लीनिंग दूध या फेस वॉश उपयोग करें।
घरेलू उपाय और हर्बल सामग्री
चंदन, यूकेलिप्टस, पुदीना, नीम, तुलसी, घृतकुमारी जैसे हर्बल पदार्थ त्वचा को प्रदूषण से बचाते हैं। ये विषैले तत्वों से लड़ने की क्षमता रखते हैं और फोड़ों, पिंपल्स को कम करते हैं।
सिर और बालों के लिए
एक चम्मच सिरका और घृतकुमारी में अंडा मिलाकर खोपड़ी पर आधा घंटे लगाएं। गर्म तेल थेरेपी करें। नारियल तेल गर्म करके सिर पर लगाएं। गर्म तौलिया सिर पर 5 मिनट के लिए रखें, इसे 3-4 बार दोहराएं। पूरी रात तेल लगा रहने दें, सुबह ठंडे पानी से धोएं।

पानी और फैटी एसिड्स का महत्व
प्रदूषण से बचाव में पानी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर से विषैले पदार्थ निकालता है और कोशिकाओं को पोषण देता है। ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड त्वचा को प्रदूषण से बचाते हैं।
ओमेगा 3: मछली, अखरोट, राजमा, पालक
ओमेगा 6: चिकन, मीट, खाद्य तेल, अनाज, बीज
आंखों की देखभाल
प्रदूषण और धूल से आंखों में जलन और लालिमा हो सकती है। आंखों को ताजे पानी से धोएं।
आई पैड: काटन वूल पैड को ठंडे गुलाब जल या ग्रीन टी में भिगोकर आंखों पर 15 मिनट रखें। यह थकान मिटाने और चमक लाने में मदद करता है।
वातावरण मित्र पौधे
एलोवेरा: ऑक्सीजन प्रवाह बढ़ाता है, प्रदूषण घटाता है।
अंजीर, बरगद, पीपल, स्पाइडर प्लांट: हवा से जहरीले तत्व सोखते हैं।
स्नेक प्लांट (सान्सेवीरिया): बेडरूम में रखने योग्य, वायु को साफ करता है।
ऐरेका पाम, इंग्लिश आईवी, बोस्टन फर्न, पीस लिली: आसानी से उपलब्ध, पर्यावरण मित्र पौधे।
लेखिका- शहनाज़ हुसैन, (सौंदर्य विशेषज्ञ और हर्बल क्वीन)

