Fatty Liver के 4 स्टेज: जानिए हर स्टेज के लक्षण और लिवर को हेल्दी रखने के तरीके
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 11:00 AM (IST)
नारी डेस्क: आज के समय में फैटी लिवर (Fatty Liver) एक बेहद आम लाइफस्टाइल डिजीज बन चुकी है। पहले यह बीमारी ज़्यादातर शराब पीने वालों में पाई जाती थी, लेकिन अब यह हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। खराब खानपान, कम शारीरिक गतिविधि और बैठने वाली नौकरी (सिटिंग जॉब) के कारण युवाओं और यहां तक कि बच्चों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। गैस्ट्रो एक्सपर्ट डॉ. महेश गुप्ता के अनुसार, भारत में लगभग 35% लोग फैटी लिवर से प्रभावित हैं।
फैटी लिवर क्या है? (What is Fatty Liver)
फैटी लिवर का मतलब है जब लिवर (जिगर) में अत्यधिक चर्बी (Fat) जमा हो जाती है। सामान्य रूप से लिवर शरीर के खून को साफ करता है, खाने से पोषक तत्वों को निकालकर शरीर तक पहुंचाता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। लेकिन जब फैट जमा हो जाता है, तो लिवर की कोशिकाएं डैमेज होने लगती हैं और धीरे-धीरे लिवर का कामकाज कमजोर पड़ जाता है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति लिवर सिरोसिस या लिवर फेलियर तक पहुंच सकती है।

फैटी लिवर के चार स्टेज
पहला स्टेज (Grade-1 Fatty Liver)
यह फैटी लिवर का शुरुआती चरण होता है, जिसमें आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते। इस स्टेज में लिवर की सतह पर हल्की मात्रा में फैट जमना शुरू होता है। बहुत से लोगों को इसका पता केवल अल्ट्रासाउंड या हल्के पेट दर्द के दौरान ही चलता है। यह स्टेज पूरी तरह कंट्रोल करने योग्य होती है और अगर व्यक्ति अपनी लाइफस्टाइल सुधार ले, तो लिवर फिर से स्वस्थ हो सकता है।
दूसरा स्टेज (Grade-2 Fatty Liver)
इस स्टेज को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसमें लिवर में सूजन और कोशिकाओं में नुकसान (Cell Damage) शुरू हो जाता है। इस दौरान मरीज को थकान महसूस होना, पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या भारीपन और भूख कम लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह स्टेज बताता है कि अब शरीर को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, वरना स्थिति और गंभीर हो सकती है। सही खानपान और नियमित व्यायाम से इसे रोका जा सकता है।
तीसरा स्टेज (Grade-3 Fatty Liver)
फैटी लिवर का तीसरा स्टेज काफी गंभीर और खतरनाक माना जाता है। इस स्टेज को मेडिकल भाषा में लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) भी कहा जाता है। इसमें लिवर की कोशिकाएं बहुत तेजी से खराब होने लगती हैं और लिवर की कार्यक्षमता घट जाती है। मरीज को कई लक्षण महसूस होते हैं, जैसे — गहरे रंग का पेशाब आना, त्वचा पर लाल धब्बे या खुजली होना, आंखों और स्किन का पीला पड़ना, और लगातार थकान या कमजोरी महसूस होना। इस स्टेज में डॉक्टर अक्सर अल्ट्रासाउंड या लिवर बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं।
चौथा स्टेज (Grade-4 Fatty Liver)
यह फैटी लिवर का सबसे खतरनाक और अंतिम चरण होता है। इस स्टेज में लिवर पर कई निशान (Scars) बन जाते हैं और इसकी कार्यक्षमता लगभग खत्म होने लगती है। कभी-कभी यह स्थिति लिवर फेलियर तक पहुंच जाती है। मरीज में गंभीर लक्षण दिखते हैं, जैसे — पीलिया (Jaundice), आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, भूलने की आदत, थकान, और भूख न लगना। इस स्टेज में मरीज को तुरंत इलाज और विशेष देखभाल की जरूरत होती है। हालांकि सही इलाज से इस स्थिति को भी आंशिक रूप से कंट्रोल किया जा सकता है।

फैटी लिवर से बचाव के आसान उपाय (Prevention Tips for Fatty Liver)
फैटी लिवर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि व्यक्ति अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में सुधार करे। फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। ये फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। रोजाना व्यायाम करें। दिन में कम से कम 30 मिनट वॉक या हल्का एक्सरसाइज लिवर में जमा चर्बी को घटाता है। वजन कंट्रोल में रखें। मोटापा फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण है। शराब और जंक फूड से दूरी बनाएं। इनसे लिवर पर सीधा असर पड़ता है और फैट जमा होता है। पानी और हेल्दी लिक्विड्स जैसे नारियल पानी, नींबू पानी या ग्रीन टी का सेवन बढ़ाएं ताकि शरीर डिटॉक्स होता रहे।
फैटी लिवर धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है, लेकिन अच्छी बात यह है कि शुरुआती स्टेज में इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। समय पर जांच, सही खानपान और नियमित व्यायाम के ज़रिए लिवर को फिर से स्वस्थ बनाया जा सकता है। याद रखें, लिवर हेल्दी रहेगा तो पूरा शरीर एनर्जेटिक और फिट रहेगा।

