प्रेगनेंट महिलाओं को कोरोना इंफेक्शन का कितना खतरा?

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 07:54 PM (IST)

कोरोना वायरस की दूसरी लहर सेहत के लिए बेहद खतरनाक बताई जा रही है इसलिए हर आयु वर्ग के व्यक्ति के लिए खुद का बचाव रखने की सख्त जरूरत है। कोरोना की दूसरी लहर में व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल गिरना शुरू हो जाता है और फेफड़ों बुरी तरह संक्रमित हो जाते हैं जिसके चलते ही लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। सरकार व हैल्थ केयर सिस्टम लगातार बचाव के सुझाव भी साझा कर रही है। बहुत से चिकित्सक इस वायरस से जुड़े टिप्स साझा कर रहे हैं। 

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि कोरोना वायरस की चपेट में आए मरीज की देखभाल कैसे करनी है, प्रेग्नेंसी में अगर महिला कोरोना की शिकार हो जाती हैं तो मां व बच्चे पर इसका क्या इफेक्ट होगा? 

1. व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो गया है तो अपना इलाज तुरंत शुरू करवाएं। यानि शुरुआती 5- 6 दिनों के बीच। डाक्टरी सलाह से जरूरी दवाइयां लेना शुरू करें। अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है तो ऑक्सीजन भी दी जाए ताकि इंफेक्शन को समय रहते रोका जा सकें।

2. अगर कोरोना मरीज घर पर होम आइसोलेट हैं या लक्षण कम नजर आ रहे हैं तो भी डॉक्टरी सलाह लिए बिना दवाइयों का सेवन ना करें और ना ही एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करें।

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3. कोरोना को लेकर बहुत सारे मिथ्स भी हैं कि प्रेग्नेंसी में कोरोना मिसकैरेज की वजह तो नहीं बनेगा। बता दें कि कोरोना वायरस में शुरुआती प्रेग्नेंसी में मिसकैरेज होने के चांसेज नहीं है और ना ही अजन्मे बच्चे के अंगों पर इसका प्रभाव पड़ता है।

4. संक्रमित मां के डिलिवरी होने पर बच्चा भी संक्रमित हो ऐसे मामले भी बहुत कम हैं इसलिए गर्भवती महिला को घबराने की जरूरत नहीं। अगर कोरोना संक्रमण के दौरान उन्हें हल्का बुखार आता है तो वह डॉक्टरी सलाह से पेरासिटामोल का सेवन कर सकती हैं।

5. बहुत सी महिलाओं को यह सवाल भी सता रहा है कि अगर वह कोरोना संक्रमित हैं तो क्या वह बच्चे को स्तनपान करवा सकती हैं तो बता दें वहीं अगर नई मां बनी महिला अगर कोरोना की शिकार हो गई है तो भी वह बच्चे को स्तनपान करवाती रहीं क्योंकि स्तनपान बच्चे को कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।

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6. लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर भी बहुत सी चिंताएं हैं जबकि हर व्यक्ति के लिए कोरोना टीकाकरण जरूरी है। कोवैक्सीन व कोविशील्ड आप किसी भी वैक्सीनेशन का चुनाव कर सकते हैं।

7. जो लोगों पहले से ही हार्ट, कि़डनी, लंग्स या अन्य गंभीर समस्याओं से पीड़ित हैं उन्हें कोविड-19 वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए क्योकि कोरोना संक्रमण का खतरा उन्हें अधिक है।

8. अगर व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो गया है तो वह 4 सप्ताह यानि की करीब एक महीने के बाद और जो वेंटिलेटर पर हैं व करीब 2 महीने से कोरोना टीकाकरण करवाएं। कोरोना टीकाकरण करवाने से आपको हल्का फुलका दर्द व बुखार रह सकता है। 

कोरोना वायरस के मरीज की घर पर कैसे करें देखभाल ?

1. मरीज को आराम की, पौष्टिक भोजन और खूब  सारा पानी पीने व पारिवारिक स्पोर्ट की सख्त जरूरत होती है। पैरासिटामॉल लेने से बुखार कम हो सकता है लेकिन अगर लक्षण गंभीर होते जाएं तो डॉक्टर से सलाह जरूर करें।

2. मरीज को तुरंत आइसोलेट कर दें। कम से कम उन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखें। उन्हें एक अलग कमरें में रखें और खाना भी कमरे के बाहर छोड़ दें लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है, तो हर वक्त मास्क पहनकर रखें लेकिन उसे छुएं नहीं। साथ ही जब कमरे से बाहर जाएं तो मास्क को कमरे में रखे डस्टबिन में डाल कर जाएं।

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3. कोशिश करें मरीज का बाथरुम अलग हो लेकिन ऐसा ना हो पाए तो मरीज़ से पहले हमेशा आप खुद बाथरूम का उपयोग कर लें और बाद में इसे साफ कर लें।

4. मरीज जिस चीज़ को छुएंगे वह संक्रमित हो सकती है। इसलिए दरवाज़े के हैंडल बैडशीट तौलिया जैसी चीजें हमेशा साफ करें। मरीज को खाना देने और कपड़े धोने के बाद खुद को साफ करना ना भूलें।

5. मरीज के साथ परिवार खुद को भी आइसोलेट कर लें खासकर वो सदस्य जो मरीज की केयर कर रहा है। 

6. अगर आपने दवाइयां और खाना ऑर्डर किया है तो उसे दरवाज़े पर ही छोड़ने के लिए कहें।

ध्यान रहें आपकी सुरक्षा आप ही के हाथ में है। बाहर जाने से बचें। अगर लक्षण गंभीर होते दिखें तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें और जांच करवाएं।


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Content Writer

Vandana

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