शादी में मिले गिफ्ट्स की दूल्हा- दुल्हन को बनानी पड़ेगी लिस्ट, जानिए HC ने क्यों किया ये ऐलान?

punjabkesari.in Friday, May 17, 2024 - 03:07 PM (IST)

शादी में जहां दूल्हा- दुल्हन को बेहिसाब गिफ्ट मिलते हैं, लेकिन  तलाक के समय ये ही मुसीबत बन जाता है। अब इलाहबाद हाई-कोर्ट ने इस पर लगाम खिंचते हुए इसकी लिस्ट बनाने को कहा है। जी हां, न सिर्फ दोनों की पक्ष इस लिस्ट में अपने हस्ताक्षर भी करेंगे। इससे दहेज संबंधित विवादों के निपटारे में आसानी होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी जानकारी मांगी है कि क्या सरकार ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत कोई नियम बनाया है, अगर नहीं बनाया तो इसपर विचार करे। बता दें, ये पूरा मामला अंकित सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने लिया।

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कोर्ट ने बताया गिफ्ट और दहेज में अंतर

कोर्ट ने कहा कि नियमावली के अनुसार दहेज और उपहारों में अंतर है। कोर्ट का कहना है कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1985 को इसी भावना के तहत बनाया गया था कि भारत शादियों में गिफ्ट देने का रिवाज है। भारत की परंपरा को समझते हुए गिफ्ट्स को अलग रखा गया है। कहा कि दहेज प्रतिषेध अधिकारियों की भी तैनाती की जानी चाहिए। लेकिन आज तक शादी में ऐसे अधिकारियों को नहीं भेजा गया। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों नहीं किया, जबकि दहेज की शिकायतों से जुड़े मामले बढ़ रहे हैं।

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दहेज को लेकर होती है पति- पत्नी में बहस

कोर्ट ने अदालतों में जमीन के अलावा सबसे ज्यादा केस शादी के बाद पति- पत्नी के विवाद को लेकर आ रहे हैं। इसमें अलगाव की बात आते ही वधु पक्ष अपना दहेज वापस मांगता है। ऐसे में नया विवाद खड़ा हो जाता है। वापसी के लिए कई बार बढ़ा- चढ़ाकर भी दावे किए जाते हैं।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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